Vice Presidential Election Result Hindi: उपराष्ट्रपति चुनाव परिणाम 2025: संसद की राजनीति का नया संदेश
भारतीय लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति का चुनाव अक्सर औपचारिक माना जाता है, लेकिन इस बार 2025 का चुनाव केवल औपचारिकता नहीं रहा। यह चुनाव न केवल सत्तारूढ़ दल और विपक्ष की ताकत को दर्शाता है, बल्कि संसद की राजनीति में गहरे बदलावों का संकेत भी देता है। एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन की जीत और विपक्ष के उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी की हार ने कई राजनीतिक समीकरणों को उजागर कर दिया है।
चुनाव प्रक्रिया और परिणाम
इस चुनाव में संसद के दोनों सदनों — लोकसभा और राज्यसभा — के सदस्यों ने मतदान किया। कुल 781 सांसदों में से 767 ने वोट डाला, यानी लगभग 98% की उपस्थिति रही।
- सी.पी. राधाकृष्णन (एनडीए): 452 वोट (लगभग 60%)
- बी. सुदर्शन रेड्डी (विपक्ष): 300 वोट (लगभग 40%)
- अवैध वोट: 15
राधाकृष्णन ने 152 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। यह अंतर ज्यादा बड़ा नहीं माना जा रहा, लेकिन इतना अवश्य है कि यह विपक्ष की एकजुटता पर सवाल खड़ा करता है। vice presidential election result hindi
सत्ता पक्ष का आत्मविश्वास
इस परिणाम ने यह स्पष्ट कर दिया कि संसद में एनडीए का प्रभाव अब भी मजबूत है।
- क्रॉस वोटिंग के संकेत मिले हैं, यानी विपक्षी खेमे के कुछ सांसदों ने भी एनडीए उम्मीदवार को वोट दिया।
- राधाकृष्णन का दक्षिण भारत से होना भाजपा के लिए एक राजनीतिक संदेश है कि पार्टी अब दक्षिण के समीकरणों पर और ज्यादा ध्यान दे रही है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेतृत्व इसे विपक्ष की एकता की असफलता के रूप में पेश करने में देर नहीं करेंगे।
विपक्ष की असफल रणनीति
विपक्ष ने दावा किया था कि वह 315 सांसदों के समर्थन से चुनाव लड़ेगा, लेकिन परिणाम ने उनकी एकजुटता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए।
- विपक्ष की सबसे बड़ी कमजोरी यही रही कि वह सामूहिक रणनीति को मतदान तक नहीं पहुँचा पाया।
- कई सांसदों के असंतोष और क्षेत्रीय दलों की अंदरूनी राजनीति ने विपक्ष के “INDIA ब्लॉक” की एकता को कमजोर कर दिया।
- यह चुनाव विपक्ष के लिए एक मनोवैज्ञानिक झटका है, क्योंकि यह स्पष्ट करता है कि संसद में उनकी ताकत जितनी दिखाई जाती है, उतनी ठोस नहीं है।
लोकतंत्र के लिए सकारात्मक संकेत
संसद की राजनीति में चाहे सत्ता पक्ष जीते या विपक्ष हारे, इस चुनाव ने एक सकारात्मक पहलू भी दिखाया।
- मतदान में 98% की भागीदारी लोकतंत्र के प्रति सांसदों की गंभीरता को दर्शाती है।
- गुप्त मतदान होने के कारण सांसदों को अपनी अंतरात्मा के अनुसार वोट देने की स्वतंत्रता मिली।
- यह परिणाम बताता है कि भारतीय लोकतंत्र केवल दिखावटी नहीं, बल्कि सक्रिय और भागीदारीपूर्ण है।
उपराष्ट्रपति पद का संवैधानिक महत्व
भारत के उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है।
- उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं और सदन की कार्यवाही में संतुलन बनाए रखते हैं।
- राष्ट्रपति की अनुपस्थिति या असमर्थता की स्थिति में वही कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका निभाते हैं।
- इसलिए यह चुनाव केवल औपचारिक नहीं, बल्कि संसदीय राजनीति की स्थिरता और संवैधानिक संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है।
राजनीतिक संदेश और भविष्य की चुनौतियाँ
1. सत्ता पक्ष के लिए
- एनडीए को यह जीत और अधिक आत्मविश्वास देगी, लेकिन यह भी सच है कि जीत का अंतर उतना भारी नहीं रहा जितनी उम्मीद थी।
- यह संकेत है कि संसद में आगे आने वाले विधेयकों और चर्चाओं में सरकार को पूरी तरह सहज माहौल नहीं मिलेगा।
2. विपक्ष के लिए
- विपक्ष को अपनी रणनीति और एकता पर गंभीर आत्ममंथन करना होगा।
- अगर क्षेत्रीय दल और राष्ट्रीय दल एक ही मंच पर नहीं टिक सके, तो 2029 के आम चुनाव में विपक्ष के लिए राह और कठिन होगी।
3. लोकतंत्र के लिए
- यह चुनाव इस बात का सबूत है कि लोकतांत्रिक संस्थाएँ अब भी जीवित और सक्रिय हैं।
- सांसदों ने अपनी भूमिका को गंभीरता से निभाया और जनता को संदेश दिया कि संसद केवल बहस की जगह नहीं, बल्कि निर्णय की भी जगह है।
संपादकीय दृष्टि से निष्कर्ष
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 केवल एक संवैधानिक प्रक्रिया भर नहीं रहा, बल्कि यह संसद के भीतर चल रही राजनीति की गहरी तस्वीर है।
- सत्ता पक्ष ने एक और जीत दर्ज की और विपक्ष की खामियों को उजागर किया।
- विपक्ष ने एकता की बात तो की, लेकिन परिणाम में उसकी कमजोरी साफ दिखाई दी।
- लोकतंत्र ने यह दिखा दिया कि वह अभी भी मजबूत है और संसद में हर आवाज़ की गिनती होती है।
यह चुनाव हमें यह भी याद दिलाता है कि लोकतंत्र केवल जीत और हार का खेल नहीं, बल्कि यह विश्वास और जिम्मेदारी का तंत्र है। vice presidential election result hindi
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उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 की टाइमलाइन
जुलाई 2025
- तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से पद से इस्तीफ़ा दिया।
- इसके बाद चुनाव आयोग ने सितंबर में उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख तय की।
अगस्त 2025
- एनडीए ने वरिष्ठ भाजपा नेता और तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया।
- विपक्ष (INDIA ब्लॉक) ने पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया।
- नामांकन दाखिल किए गए और प्रचार औपचारिक रूप से शुरू हुआ।
1 – 5 सितंबर 2025
- संसद और राजनीतिक हलकों में चुनाव को लेकर माहौल गर्म हुआ।
- विपक्ष ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की, लेकिन क्षेत्रीय दलों में मतभेद की खबरें आने लगीं।
- सत्ता पक्ष ने राधाकृष्णन को एक “अनुभवी और सर्वमान्य चेहरा” बताकर समर्थन जुटाने का प्रयास किया।
9 सितंबर 2025
- संसद भवन में मतदान हुआ।
- 781 सांसदों में से 767 ने वोट डाला (लगभग 98% उपस्थिति)।
- वोटिंग शांतिपूर्ण माहौल में हुई और शाम तक मतपेटियां सीलबंद कर दी गईं।
10 सितंबर 2025
- वोटों की गिनती हुई और परिणाम घोषित किया गया।
- सी.पी. राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट।
- राधाकृष्णन ने 152 मतों से जीत हासिल की।
- 15 वोट अमान्य घोषित हुए।
परिणाम के बाद की प्रतिक्रियाएँ
- एनडीए ने इसे संसद में अपनी मजबूती और विपक्ष की असंगति का प्रमाण बताया।
- विपक्ष ने कहा कि यह जीत बड़ी नहीं, बल्कि संकीर्ण है और यह सत्ता पक्ष के लिए “नैतिक पराजय” भी है।
- राजनीतिक विश्लेषकों ने विपक्ष की कमजोर एकजुटता और संभावित क्रॉस-वोटिंग को इस हार की मुख्य वजह बताया।
निष्कर्ष
यह टाइमलाइन साफ दिखाती है कि 2025 का उपराष्ट्रपति चुनाव केवल एक संवैधानिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक राजनीतिक परीक्षा थी—जहाँ सत्ता पक्ष ने जीत हासिल की और विपक्ष को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने का संकेत मिला।
FAQ
Q1. भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज द्वारा किया जाता है। इसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के चुने हुए और मनोनीत सदस्य मतदान करते हैं।
Q2. उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन वोट डालता है?
इस चुनाव में केवल सांसद वोट डालते हैं। राज्य विधानसभाओं के विधायक इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होते।
Q3. उपराष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है?
भारत का उपराष्ट्रपति पाँच साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है।
Q4. उपराष्ट्रपति की भूमिका क्या होती है?
भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति (Chairman) होता है और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रपति की अनुपस्थिति या इस्तीफ़े की स्थिति में कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका निभा सकता है।
Q5. 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में किसने जीत हासिल की?
2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन ने जीत हासिल की। उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को हराया।
Q6. उपराष्ट्रपति बनने के लिए क्या योग्यताएँ जरूरी हैं?
- उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
- उम्र कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए।
- वह राज्यसभा का सदस्य बनने के योग्य होना चाहिए।
Q7. उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग का तरीका क्या है?
वोटिंग गुप्त मतदान (Secret Ballot) के ज़रिये होती है और सिंगल ट्रांसफरेबल वोट (STV) प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है।