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ट्रंप का दावा: भारत पर टैरिफ लगाकर पुतिन को बातचीत के लिए झुकाया

On: August 18, 2025 12:27 PM
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Trump tariff on India made Vladimir Putin agreeing to meet
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अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बयानबाज़ी और शक्ति प्रदर्शन हमेशा से एक अहम रणनीति रहे हैं। हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत पर टैरिफ लगाकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बातचीत की टेबल पर आने के लिए मजबूर किया।

ट्रंप का यह बयान न केवल भारत-अमेरिका संबंधों पर चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या वास्तव में भारत पर दबाव बनाकर पुतिन जैसे शक्तिशाली नेता को झुकाया जा सकता है?


ट्रंप का बयान – “भारत पर टैरिफ, पुतिन को झुकाया”

डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा:

“जब मैंने भारत पर टैरिफ लगाया, तब पुतिन को यह एहसास हुआ कि अमेरिका अब किसी भी बड़े देश को आर्थिक स्तर पर चुनौती देने से पीछे नहीं हटेगा। यही वह पल था जब पुतिन ने बातचीत के लिए लचीलापन दिखाया।”

ट्रंप के इस दावे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई बहस छेड़ दी है।


पृष्ठभूमि – भारत पर टैरिफ क्यों लगाया गया था?

ट्रंप के कार्यकाल (2017–2021) में अमेरिका ने कई देशों पर टैरिफ लगाए। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा।

  1. 2018–19 में ट्रंप सरकार ने
    • स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ लगाया।
    • भारत को दिए जा रहे GSP (Generalized System of Preferences) के तहत मिलने वाले व्यापारिक लाभ वापस ले लिए।
  2. भारत पर असर
    • अमेरिका भारत का बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
    • टैरिफ के कारण भारतीय निर्यातकों को झटका लगा।
  3. ट्रंप का मकसद
    • अमेरिकी घरेलू उद्योग को सुरक्षा देना।
    • यह दिखाना कि अमेरिका अब “मुफ्त व्यापार” नहीं बल्कि “फेयर ट्रेड” चाहता है।

रूस और पुतिन का संदर्भ

पुतिन की छवि हमेशा से एक कठोर और सख्त नेता की रही है।

  • रूस अमेरिका का पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी रहा है।
  • ट्रंप जब व्हाइट हाउस में थे, तब उनकी पुतिन से मुलाकातें सुर्खियों में रहती थीं।
  • ट्रंप का दावा है कि उन्होंने भारत पर टैरिफ लगाकर पुतिन को संदेश दिया कि अमेरिका किसी से नहीं डरता।

यानी भारत को आर्थिक दबाव में डालकर उन्होंने रूस जैसे शक्तिशाली देश को संकेत दिया।


क्या सच में भारत पर टैरिफ का असर पुतिन पर पड़ा?

यह सवाल सबसे अहम है।

  1. भारत और रूस का गहरा संबंध
    • भारत रूस से रक्षा उपकरण और तेल का बड़ा खरीदार है।
    • रूस जानता है कि भारत पर अमेरिकी दबाव अप्रत्यक्ष रूप से उसके लिए चुनौती है।
  2. ट्रंप की रणनीति
    • भारत पर टैरिफ लगाकर उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से रूस को संदेश दिया:
      “अगर हम भारत जैसे करीबी पार्टनर पर सख्ती कर सकते हैं, तो रूस भी सुरक्षित नहीं।”
  3. विशेषज्ञों की राय
    • कुछ विश्लेषक मानते हैं कि ट्रंप का यह दावा अतिशयोक्ति है।
    • जबकि कुछ मानते हैं कि यह पावर पॉलिटिक्स का हिस्सा था, जिसने पुतिन को बातचीत पर मजबूर किया।

क्या स्टील और सेमीकंडक्टर पर टैरिफ लगाने जा रहे ट्रंप?


भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने उस समय अमेरिका को साफ संदेश दिया था कि टैरिफ और दबाव से संबंधों को कमजोर किया जा सकता है।

  • भारत ने WTO (World Trade Organization) में अमेरिका के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की।
  • साथ ही भारत ने अमेरिका से बदले में कुछ उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा दिए।

हालांकि, दोनों देशों ने बाद में बातचीत से कई मुद्दों को सुलझा लिया।


अंतरराष्ट्रीय राजनीति में “टैरिफ डिप्लोमेसी”

ट्रंप के कार्यकाल में दुनिया ने एक नया शब्द सुना – टैरिफ डिप्लोमेसी (Tariff Diplomacy)।

  • यानी आर्थिक दबाव (टैरिफ) डालकर कूटनीतिक लक्ष्य हासिल करना।
  • चीन, यूरोपियन यूनियन, मैक्सिको और भारत पर ट्रंप ने यही रणनीति अपनाई।
  • रूस के संदर्भ में भी ट्रंप का दावा इसी रणनीति से जुड़ा है।

भारत-अमेरिका संबंधों पर असर

ट्रंप के दावे से एक बार फिर यह बहस शुरू हो गई है कि उनके कार्यकाल में भारत-अमेरिका रिश्ते किस दिशा में गए।

  • सकारात्मक पक्ष
    • रक्षा सहयोग बढ़ा।
    • इंडो-पैसिफिक में दोनों देशों की साझेदारी मजबूत हुई।
  • नकारात्मक पक्ष
    • व्यापारिक रिश्तों में खटास आई।
    • भारत को GSP लाभ से वंचित होना पड़ा।

भारत की मौजूदा स्थिति

आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

  • भारत पर दबाव डालना आसान नहीं है।
  • सेमीकंडक्टर, आईटी और रक्षा उत्पादन में भारत अहम खिलाड़ी बन रहा है।
  • रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत की तटस्थ नीति ने दिखाया कि भारत अब किसी दबाव में नहीं आता।

क्या ट्रंप का दावा चुनावी बयानबाज़ी है?

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप अक्सर चौंकाने वाले बयान देते हैं।

  • उनका मकसद मीडिया का ध्यान खींचना और अपने समर्थकों के बीच ताकतवर नेता की छवि बनाना होता है।
  • यह भी संभव है कि उनका यह दावा चुनावी रणनीति का हिस्सा हो।

भारत और रूस – अमेरिका के बीच संतुलन

भारत हमेशा से रूस और अमेरिका दोनों के साथ संतुलन बनाने की कोशिश करता आया है।

  • अमेरिका चाहता है कि भारत उसके साथ खड़ा हो।
  • रूस भारत का दशकों पुराना दोस्त है।
  • ऐसे में भारत पर टैरिफ लगाना अमेरिका की “प्रेशर पॉलिसी” का हिस्सा हो सकता है, ताकि भारत रूस से दूरी बनाए।

निष्कर्ष

ट्रंप का दावा कि भारत पर टैरिफ लगाकर पुतिन को झुकाया गया, एक बड़ा और विवादित बयान है।

  • आर्थिक दबाव और टैरिफ अंतरराष्ट्रीय राजनीति के हथियार बन चुके हैं।
  • लेकिन क्या वास्तव में भारत जैसे उभरते आर्थिक महाशक्ति पर टैरिफ लगाकर रूस को प्रभावित किया जा सकता है? इस पर सवाल उठते हैं।
  • सच्चाई चाहे जो भी हो, इतना तय है कि ट्रंप की यह बयानबाज़ी अमेरिका की आक्रामक विदेश नीति और उनकी व्यक्तिगत पावर पॉलिटिक्स स्टाइल को दिखाती है।

भारत के लिए यह अनुभव एक सबक है कि उसे अपने व्यापारिक और कूटनीतिक हितों की रक्षा के लिए और अधिक आत्मनिर्भर बनना होगा।

A. Kumar

मेरा नाम अजीत कुमार है। मैं एक कंटेंट क्रिएटर और ब्लॉगर हूँ, जिसे लिखने और नई-नई जानकारियाँ शेयर करने का शौक है। इस वेबसाइट पर मैं आपको ताज़ा खबरें, मोटिवेशनल आर्टिकल्स, टेक्नोलॉजी, एजुकेशन, हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़ी उपयोगी जानकारी सरल भाषा में उपलब्ध कराता हूँ।

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