Tilak Varma Cricketer Hindi / तिलक वर्मा: भारतीय क्रिकेट का उभरता सितारा
भारतीय क्रिकेट में एक नया सितारा चमक रहा है, और उसका नाम है तिलक वर्मा। हैदराबाद के इस युवा बल्लेबाज ने अपनी बल्लेबाजी से न केवल घरेलू क्रिकेट बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अपनी पहचान बनाई है। उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और खेल के प्रति जुनून ने उन्हें क्रिकेट प्रेमियों के बीच एक विशेष स्थान दिलाया है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
तिलक वर्मा का जन्म 8 नवंबर 2002 को हैदराबाद, तेलंगाना में हुआ। उनके पिता, नंबूरी नागराजू, एक इलेक्ट्रीशियन हैं, और माता, गायत्री देवी, गृहिणी हैं। तिलक का एक बड़ा भाई भी है, जिनका नाम तरुण वर्मा है। तिलक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा क्रेसेंट मॉडल इंग्लिश स्कूल और भारतीय विद्या भवन पब्लिक स्कूल, हैदराबाद से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने लेपाक्षी जूनियर कॉलेज में दाखिला लिया।
क्रिकेट यात्रा की शुरुआत
तिलक वर्मा ने क्रिकेट में अपनी रुचि 11 वर्ष की आयु में दिखाई, जब उन्हें कोच सलीम बयाश ने टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते हुए देखा। कोच ने उन्हें लिगाला क्रिकेट अकादमी, लिंगमपल्ली में प्रशिक्षण देना शुरू किया। अकादमी तक पहुंचने के लिए तिलक को रोजाना 40 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती थी, जो उनके समर्पण और जुनून को दर्शाता है।
घरेलू क्रिकेट में कदम
तिलक ने अपने घरेलू क्रिकेट करियर की शुरुआत 2018-19 रणजी ट्रॉफी में हैदराबाद टीम से की। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया और टीम में अपनी जगह बनाई। इसके बाद, उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी अच्छा प्रदर्शन किया। Tilak Varma Cricketer Hindi
आईपीएल में प्रवेश
मुंबई इंडियंस ने 2022 आईपीएल नीलामी में तिलक वर्मा को अपनी टीम में शामिल किया। उनके आईपीएल करियर की शुरुआत शानदार रही, जहां उन्होंने 397 रन बनाकर अपनी पहचान बनाई। 2023 में, उन्होंने 343 रन बनाकर अपनी बल्लेबाजी में और भी सुधार दिखाया। उनकी स्ट्राइक रेट और निरंतरता ने उन्हें टीम में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण
तिलक वर्मा ने 3 अगस्त 2023 को वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की। उन्होंने डेब्यू मैच में 39 रन बनाकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। इसके बाद, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो लगातार शतक बनाकर अपनी बल्लेबाजी में और भी सुधार दिखाया।
प्रमुख उपलब्धियाँ
- सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 151 रन बनाकर भारतीय पुरुषों के लिए सबसे बड़ा टी20 स्कोर बनाया।
- 2025 एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 69 रन की नाबाद पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई।
- काउंटी चैंपियनशिप में हैम्पशायर के लिए शतक बनाकर टेस्ट क्रिकेट में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।
बल्लेबाजी शैली और तकनीक
तिलक वर्मा एक बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, जो दाएं हाथ से ऑफ-ब्रेक गेंदबाजी भी करते हैं। उनकी बल्लेबाजी में कवर ड्राइव और स्ट्रेट ड्राइव जैसे शॉट्स प्रमुख हैं। उनकी तकनीक में संतुलन, समय और स्थिति के अनुसार शॉट चयन की क्षमता उन्हें एक पूर्ण बल्लेबाज बनाती है।
पर्सनल लाइफ और रुचियाँ
तिलक वर्मा को धार्मिक स्थलों की यात्रा का भी शौक है। उन्होंने तिरुपति बालाजी, अयोध्या का राम मंदिर, मुंबई का बाबुलनाथ मंदिर और गोवा का तमड़ी सुरला महादेव मंदिर जैसे प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन किए हैं। उनकी प्रोफाइल से पता चलता है कि उन्हें मंदिरों की यात्रा करना विशेष रूप से पसंद है। Navbharat Times
सोशल मीडिया और फैंस
तिलक वर्मा सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं, जहां उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। वे अपनी मैच की हाइलाइट्स, ट्रेनिंग सेशन और व्यक्तिगत जीवन की झलकियाँ साझा करते हैं। उनकी पोस्ट्स पर फैंस की प्रतिक्रियाएँ उनके प्रति उनकी लोकप्रियता को दर्शाती हैं।
भविष्य की दिशा
तिलक वर्मा की निरंतरता, तकनीक और मानसिक दृढ़ता उन्हें भविष्य में भारत के प्रमुख बल्लेबाजों में से एक बना सकती है। उनकी क्षमता और समर्पण उन्हें सभी प्रारूपों में सफलता दिला सकते हैं। उनकी यात्रा ने यह सिद्ध कर दिया है कि कठिनाइयाँ केवल सफलता की ओर एक कदम और बढ़ाती हैं।
तिलक वर्मा के पिता ने एक बार कहा था
“मैं रात को 12 बजे तक काम करता था। और फिर सुबह साढ़े तीन-चार बजे जाग जाता था। कभी-कभी तो रात के एक बजे तक मुझे जागना पड़ जाता था। और कई बार ऐसा भी हुआ जब मैं पूरी रात सो ही नहीं सका। क्योंकि एक बार आपने फै़सला कर लिया कि आपको कुछ हासिल करना है। तो फिर मेहनत के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता आपके पास। कभी-कभी जब उन दिनों के बारे में सोचता हूं तो मुझे भी यकीन नहीं हो पाता कि आज हम यहां हैं।” ये बात कही थी तिलक वर्मा के पिता नम्बूरी नागाराजू ने। आज तिलक के पिता यकीनन चांद जैसी ऊंचाईयों पर खुद को महसूस कर रहे होंगे। बेटे ने आखिर देश की टीम को चैंपियन बनाया है। ऐसा खूबसूरत पल दुनिया के हर पिता को थोड़े ही मिल पाता है।
तिलक के पिता नंबूरी नागाराजू इलैक्ट्रीशियन थे। उनकी कमाई इतनी नहीं थी कि वो बेटे को किसी अच्छी सी क्रिकेट एकेडेमी में दाखिला दिला सकें। बेटे तिलक के लिए एक अच्छी सी क्रिकेट किट तक नहीं खरीद सकते थे उस वक्त वो। अपना घर तक नहीं था तब उनके पास। चार लोगों के अपने परिवार को लेकर वो किराए पर रहते थे। तिलक उनके छोटे बेटे हैं। नंबूरी जी खुद भी अपनी जवानी के दिनों से क्रिकेट के शौकीन रहे हैं। रेडियो पर पूरा दिन वो इंडिया के मैच की कमेंट्री सुना करते थे। इसिलिए अपने छोटे बेटे तिलक को वो क्रिकेटर बनाना चाहते थे। क्योंकि उन्हें अहसास हो गया था कि छोटा बेटा तिलक क्रिकेट बहुत शौक से खेलता है। मगर गरीबी इतनी थी कि एक वक्त पर उन्हें लगने लगा था कि उनका ये ख्वाब बस एक ख्वाब ही रह जाएगा। मगर किस्मत का लिखा कौन टाल सकता है जी?
तिलक की उम्र तब 11 साल थी जब सलाम बायश नामक एक कोच ने तिलक को टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते देखा। सलाम बायश जी को तिलक में प्रतिभा दिखी। उन्होंने तिलक के पिता से बात की। पिता को लगा जैसे भगवान ने मुंह मांगी मुराद पूरी कर दी। उन्होंने बेटे तिलक को सलाम बायश को सौंप दिया। सलाम बायश जी ने भी तिलक पर बहुत मेहनत की। वो खुद तिलक को अपने स्कूटर पर बैठाकर क्रिकेट अकादमी लेकर जाते थे। जिसकी दूरी तिलक के उस वाले घर से लगभग 40 किलोमीटर थी। तिलक को क्रिकेट किट दिलाई। और तिलक को खूब प्रैक्टिस कराई। तिलक की प्रतिभा चमकी। और 2018-19 के रणजी ट्रॉफ़ी टूर्नामेंट में तिलक को हैदराबाद की तरफ़ से डेब्यू करने का चांस मिल गया। 2019 में तिलक का सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफ़ी में भी डेब्यू हो गया। विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में भी तिलक को खिलाया जाने लगा।
हर दिन कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते जा रहे तिलक वर्मा के करियर में एक बड़ा और बहुत अहम टर्निंग पॉइन्ट तब आया जब 2020 के अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में उन्हें टीम इंडिया में चुना गया। मगर अंडर-19 में तिलक का प्रदर्शन उतना प्रभावी नहीं था। हालांकि डोमैस्टिक क्रिकेट में तिलक इतना बेहतरीन प्रदर्शन कर चुके थे कि अब आईपीएल फ्रेंचायज़ीज़ की नज़रों में तिलक आ चुके थे। मगर तभी लॉकडाउन लग गया। एक इंटरव्यू में तिलक ने बताया था कि लॉकडाउन की वजह से उनके पिता का काम ठप्प हो गया था। मगर उनके कोच ने उनकी प्रैक्टिस नहीं रुकने दी। तिलक कहते हैं कि उन्हें शुरू से ही भरोसा था कि वो आईपीएल में तो एक ना एक दिन ज़रूर खेलेंगे। साल 2022 में तिलक को मुंबई इंडियन्स ने 1 करोड़ 70 लाख रुपए में खरीदा था। जबकी उनका बेस प्राइस 20 लाख रुपए था।
वास्तव में तिलक के करियर का सबसे अहम पड़ाव वही था। तिलक ने कहा था कि उन्हें ये यकीन नहीं था कि कोई फ्रेंचायज़ी उन्हें इतनी बड़ी रकम चुकाकर खरीदेगी। तिलक के लिए सनराईज़र्स हैदराबाद, चेन्नई सुपरकिंग्स व मुंबई इंडियंस में प्रतिस्पर्धा हुई थी। जिसमें आखिरकार मुंबई इंडियंस ने बाज़ी मारी। तिलक ने भी मुंबई इंडियंस को निराश नहीं किया। आईपीएल के अपने पहले ही मैच में तिलक ने 33 गेंदों पर 61 रनों की धमाकेदार पारी खेली राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ़। और अगले ही साल, अगस्त 2023 में तिलक को वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ़ टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने का मौका मिल गया। उसी साल सितंबर में तिलक ने बांग्लादेश के खिलाफ़ अपना पहला वनडे इंटरनेशनल भी खेला।
और अब तिलक ने एशिया कप के फाइनल मुकाबले में भारत के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को धूल चटाने में बेहद अहम भूमिका निभाई। भारत की इस जीत के बाद अब तिलक नेशनल हीरो बन गए हैं। और अब तिलक के पिता भी अपने बेटे पर और ज़्यादा गर्वित महसूस कर रहे हैं। गरीबी तो बेटे ने आईपीएल में डेब्यू करने के साथ ही दूर कर दी थी। 2023 में जब तिलक को मुंबई इंडियंस ने खरीदने का ऐलान किया था तब उनकी आंखों में आंसू आ गए थे। उन्होंने फौरन अपने पिता को एक वीडियो कॉल की। पिता खुद भी तब टीवी पर लाइव ऑक्शन देख रहे थे। और बेटे को मुंबई इंडियंस द्वारा चुने जाने की खबर उनको भी मिल चुकी थी। तो पिता व मां गायत्री देवी भी उस वक्त भावुक ही बैठे थे। उन्होंने बेटे का कॉल तो रिसीव कर लिया। मगर कुछ बोला नहीं गया उनसे। आखिरकार तिलक ने कॉल डिसकनैक्ट कर दिया।
जब लोकल मीडिया तिलक वर्मा के पास इंटरव्यू के लिए पहुंची तो तिलक ने एक बात कही थी जो साबित करती है कि तिलक कितने अच्छे शिष्य हैं। तिलक ने मीडिया वालों से कहा था,”मेरे बारे में भले ही ना लिखो। बट कोच सर का ज़रूर मेंशन करना। उन्होंने मेरे लिए क्रिकेट किट खरीदी थी। और ज़्यादातर खर्चे भी उन्होंने ही उठाए थे। ये सब उनकी वजह से ही हुआ है।” अपने कोच सलाम बायश को लेकर तिलक ने मीडिया में तब ये बातें कही थी। आज जब तिलक ने टीम इंडिया को एशिया का चैंपियन बनाया है तो जितने खुश उनके माता-पिता होंगे। उतने ही खुश उनके कोच सलाम बायश जी भी होंगे। कोच साहब को सैल्यूट है। और सैल्यूट है तिलक वर्मा के पिता नंबूरी नागाराजू जी को भी, जिन्होंने बहुत संघर्ष भरी ज़िंदगी होने के बावजूद भी अपने बेटे का क्रिकेट नहीं रुकने दिया।
निष्कर्ष
तिलक वर्मा की कहानी एक प्रेरणा है। उन्होंने अपने संघर्ष, समर्पण और जुनून से यह सिद्ध कर दिया है कि यदि मन में दृढ़ निश्चय हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। उनकी यात्रा भारतीय क्रिकेट के लिए एक सुनहरा अध्याय है, और भविष्य में वे और भी ऊँचाइयाँ छूने की क्षमता रखते हैं। Tilak Varma Cricketer Hindi
FAQs
Q1: तिलक वर्मा का जन्म कब हुआ था?
A1: तिलक वर्मा का जन्म 8 नवंबर 2002 को हैदराबाद, तेलंगाना में हुआ।
Q2: तिलक वर्मा ने कब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया?
A2: तिलक वर्मा ने 3 अगस्त 2023 को वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की।
Q3: तिलक वर्मा की बल्लेबाजी शैली क्या है?
A3: तिलक वर्मा एक बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, जो दाएं हाथ से ऑफ-ब्रेक गेंदबाजी भी करते हैं।
Q4: तिलक वर्मा की प्रमुख उपलब्धियाँ क्या हैं?
A4: तिलक वर्मा ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 151 रन बनाकर भारतीय पुरुषों के लिए सबसे बड़ा टी20 स्कोर बनाया और 2025 एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 69 रन की नाबाद पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई।
Q5: तिलक वर्मा की पर्सनल लाइफ में क्या रुचियाँ हैं?
A5: तिलक वर्मा को धार्मिक स्थलों की यात्रा का शौक है और उन्होंने कई प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन किए हैं। Tilak Varma Cricketer Hindi
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