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Rajesh Yabaji BlackBuck CEO ने Bengaluru से ऑफिस शिफ्ट का ऐलान

On: September 17, 2025 1:29 PM
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Rajesh Yabaji Blackbuck CEO News
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Rajesh Yabaji Blackbuck CEO News / राजेश यबाजी: एक सफल उद्यमी और वित्तीय दृष्टिकोण से उनकी यात्रा

भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ा है। हजारों युवा उद्यमी अपनी सोच और मेहनत से नए-नए बिजनेस मॉडल बना रहे हैं। इन्हीं नामों में एक बेहद चर्चित नाम है – राजेश यबाजी (Rajesh Yabaji)। वे ब्लैकबक (BlackBuck) नामक कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ (CEO) हैं, जो भारत की सबसे तेजी से बढ़ती लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप्स में से एक है।

इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि राजेश यबाजी कौन हैं, उनका करियर सफर कैसा रहा, BlackBuck कैसे बनी, और वित्तीय दृष्टिकोण से उनकी यात्रा भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। Rajesh Yabaji Blackbuck CEO News


राजेश यबाजी कौन हैं?

राजेश यबाजी एक भारतीय उद्यमी (Entrepreneur) और बिजनेस लीडर हैं। वे मुख्य रूप से लॉजिस्टिक्स सेक्टर में अपने इनोवेशन और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन बिजनेस मॉडल के लिए जाने जाते हैं।

  • पूरा नाम: राजेश यबाजी
  • जन्मस्थान: आंध्र प्रदेश, भारत
  • शिक्षा: IIT खड़गपुर (Mechanical Engineering)
  • वर्तमान पद: सह-संस्थापक एवं CEO, BlackBuck

राजेश का मानना है कि भारत का लॉजिस्टिक्स सेक्टर अगर टेक्नोलॉजी से जुड़ जाए तो यह GDP में बड़ा योगदान दे सकता है। इसी सोच से उन्होंने ब्लैकबक की शुरुआत की।


शुरुआती जीवन और शिक्षा

राजेश यबाजी का जन्म और पालन-पोषण आंध्र प्रदेश में हुआ। बचपन से ही वे पढ़ाई में तेज थे और इंजीनियरिंग में उनकी गहरी रुचि थी।

  • उन्होंने IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की।
  • पढ़ाई के दौरान वे कई टेक्नोलॉजी और बिजनेस मॉडल पर काम करते थे।
  • उन्हें हमेशा से मैनेजमेंट और ऑपरेशनल एफिशिएंसी में रुचि थी।

IIT से पढ़ाई पूरी करने के बाद वे कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने लगे।


प्रोफेशनल करियर और अनुभव

ITC Limited में अनुभव

राजेश ने अपने करियर की शुरुआत ITC Limited से की, जहाँ वे सप्लाई चेन और ऑपरेशंस से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करते थे।

  • यहाँ उन्हें भारत की सप्लाई चेन इंडस्ट्री की चुनौतियों का वास्तविक अनुभव मिला।
  • उन्होंने देखा कि लॉजिस्टिक्स और ट्रकिंग इंडस्ट्री बेहद अनऑर्गनाइज़्ड है और इसमें टेक्नोलॉजी की कमी है।

यहीं से उनके मन में इस सेक्टर को बदलने की सोच आई।


BlackBuck की शुरुआत

स्थापना (2015)

साल 2015 में, राजेश यबाजी ने चंदन आनंद और रमेश कुमार के साथ मिलकर BlackBuck की स्थापना की।

  • BlackBuck क्या है?
    यह एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो ट्रक मालिकों और शिपर्स (लोड भेजने वालों) को जोड़ता है।
    यानी अगर किसी कंपनी को सामान भेजना है तो वह BlackBuck ऐप के जरिए ट्रक बुक कर सकती है।
  • BlackBuck का लक्ष्य:
    भारत के ट्रकिंग और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को डिजिटाइज करना और उसे ज्यादा एफिशिएंट बनाना।

पहली फंडिंग

कंपनी को शुरुआती दिनों में ही बड़ी फंडिंग मिली क्योंकि इसका बिजनेस मॉडल मजबूत था।

  • Tiger Global, Flipkart के Sachin Bansal और Binny Bansal जैसे निवेशकों ने इसमें निवेश किया।
  • 2021 तक BlackBuck एक Unicorn Startup बन गई (यानी कंपनी का वैल्यूएशन $1 बिलियन से ज्यादा हो गया)।

BlackBuck का बिजनेस मॉडल

ऑनलाइन ट्रक बुकिंग

BlackBuck का ऐप शिपर्स और ट्रक ड्राइवर्स को सीधे जोड़ता है। इससे:

  • ट्रक ड्राइवर्स को लगातार काम मिलता है।
  • शिपर्स को सस्ती और विश्वसनीय सर्विस मिलती है।

डिजिटल पेमेंट और फ्यूल कार्ड्स

कंपनी ने डिजिटल पेमेंट सिस्टम और फ्यूल कार्ड्स भी लॉन्च किए, जिससे ड्राइवर्स को फ्यूल पर डिस्काउंट मिलता है और ट्रांजेक्शन ट्रांसपेरेंट हो जाते हैं।

डेटा-ड्रिवन लॉजिस्टिक्स

BlackBuck टेक्नोलॉजी और डेटा का इस्तेमाल करके डिलीवरी रूट्स को ऑप्टिमाइज करती है, जिससे समय और ईंधन दोनों की बचत होती है।


वित्तीय दृष्टिकोण से BlackBuck और राजेश यबाजी की सोच

एक वित्तीय विशेषज्ञ के नजरिए से देखें तो राजेश यबाजी ने भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में Cost Efficiency और Transparency को लाने पर जोर दिया।

  1. मार्केट साइज
    • भारत का लॉजिस्टिक्स मार्केट $200 बिलियन से ज्यादा का है।
    • इसमें से 70% ट्रकिंग से आता है।
    • यह सेक्टर काफी हद तक अनऑर्गनाइज़्ड है।
  2. समस्या और समाधान
    • समस्या: ड्राइवर्स को लगातार काम नहीं मिलता, शिपर्स को भरोसेमंद सर्विस नहीं मिलती।
    • समाधान: एक डिजिटल प्लेटफॉर्म जो दोनों पक्षों को जोड़े और ट्रांजेक्शन आसान बनाए।
  3. फाइनेंशियल ग्रोथ
    • BlackBuck की रेवेन्यू साल दर साल बढ़ रही है।
    • कंपनी ने कॉस्ट-एफिशिएंसी और स्केलेबिलिटी पर ध्यान दिया है।
    • राजेश यबाजी की स्ट्रैटेजी ने कंपनी को Unicorn बनने में मदद की।

उपलब्धियां (Achievements)

  • 2015 में BlackBuck की स्थापना
  • 2017 में Forbes “30 under 30 Asia” लिस्ट में शामिल
  • 2021 में BlackBuck का यूनिकॉर्न स्टेटस हासिल करना
  • भारत में सबसे बड़ी ट्रकिंग नेटवर्क कंपनियों में से एक बनना

भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में योगदान

राजेश यबाजी और उनकी कंपनी BlackBuck ने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में बड़ा योगदान दिया है।

  • लाखों ट्रक ड्राइवर्स को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा
  • सप्लाई चेन की लागत को कम किया
  • लॉजिस्टिक्स सेक्टर में रोजगार के नए अवसर बनाए
  • निवेशकों के लिए भरोसेमंद बिजनेस मॉडल पेश किया

निवेशकों के लिए सीख

एक वित्तीय दृष्टिकोण से, राजेश यबाजी की यात्रा निवेशकों और नए उद्यमियों के लिए कई सबक देती है:

  1. बड़ी समस्या का समाधान ही बड़ा बिजनेस बनाता है।
  2. टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल पारंपरिक सेक्टर को बदल सकता है।
  3. लॉन्ग-टर्म विजन और स्केलेबिलिटी पर ध्यान जरूरी है।
  4. निवेशकों का भरोसा मजबूत बिजनेस मॉडल से ही आता है।

भविष्य की संभावनाएँ

BlackBuck अभी सिर्फ भारत तक सीमित है, लेकिन भविष्य में इसके पास इंटरनेशनल मार्केट में भी कदम रखने की क्षमता है।

  • ई-कॉमर्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की तेजी से बढ़ती मांग BlackBuck के लिए नए अवसर लाएगी।
  • राजेश यबाजी की लीडरशिप और वित्तीय समझदारी से कंपनी आने वाले सालों में और भी मजबूत होगी।

राजेश यबाजी (Rajesh Yabaji) एक ऐसे उद्यमी हैं जिन्होंने भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर की गहराई से समझ विकसित की और टेक्नोलॉजी की मदद से उसे नए आयाम दिए। BlackBuck सिर्फ एक कंपनी नहीं, बल्कि भारत की सप्लाई चेन क्रांति का प्रतीक है।

एक वित्तीय विशेषज्ञ के नजरिए से देखें तो राजेश की कहानी यह साबित करती है कि अगर कोई उद्यमी बड़ी समस्या को सही बिजनेस मॉडल और वित्तीय रणनीति के साथ हल करता है, तो वह यूनिकॉर्न कंपनी खड़ी कर सकता है। Rajesh Yabaji Blackbuck CEO News

क्या हुआ है?

  • BlackBuck ने घोषणा की है कि वह अपना ऑफिस Bengaluru के Bellandur से बाहर ले जाएगा
  • Bellandur Outer Ring Road (ORR) क्षेत्र में पिछले 9 वर्षों से ऑपरेशन कर रहा है।

वजहें:

  • बढ़ी हुई यात्रा समय (Commute Time):
    कर्मचारियों का एकतरफा सफर 1.5 घंटे से भी अधिक का हो गया है
  • खराब सड़कें और गड्ढे (Potholes):
    Bellandur और ORR क्षेत्र की सड़कें काफ़ी टूट-फूट और गड्ढेदार हो गई हैं। धूल भरा वातावरण, सड़क खोलने वालों की कमी और मरम्मत न होने की बातें सामने आई हैं।
  • भविष्य में सुधार की उम्मीद की कमी:
    Rajesh Yabaji ने कहा है कि वह अगले पांच वर्षों में इन हालातों में कोई सुधार नहीं दिखते, इसलिए यह निर्णय लेना पड़ा।

बाकी की बातें:

  • ये फैसला सिर्फ BlackBuck का नहीं है — Bengaluru ORR टेक और स्टार्टअप कॉरिडोर में काम करने वाली कई कंपनियों के लिए यह एक संकेत है कि इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की आवश्यकता है
  • सरकार और नगर प्रशासन की प्रतिक्रिया भी आई है। Deputy Chief Minister DK Shivakumar ने कहा है कि शहर के ड्रेनेज और सड़कों की मरम्मत के लिए विशेष बजट (₹1,100 करोड़) जारी किया गया है
  • सार्वजनिक प्रतिक्रिया (Netizens, मीडिया, अन्य उद्यमी) में भी इसका काफी समर्थन दिख रहा है, क्योंकि ये समस्या कई लोगों के लिए रोज़मर्रा की परेशानी बन चुकी है।

💡 विश्लेषण: आर्थिक और प्रबंधन दृष्टिकोण से महत्त्व

एक वित्तीय या उद्यमी विश्लेषक की नजर से देखें तो इस कदम के कई महत्त्वपूर्ण आयाम हैं:

  1. कर्मचारियों की संतुष्टि और उत्पादकता
    लंबी यात्राएँ और खराब इंफ्रास्ट्रक्चर कर्मचारी स्वास्थ्य और काम की गुणवत्ता दोनों को प्रभावित करते हैं। यदि ऑफिस आने-जाने में ज़्यादा समय लगता है, तो समय प्रबंधन, काम के घंटों की संतुलना और मनोबल प्रभावित होता है।
  2. ऑपरेशनल कॉस्ट में वृद्धि
    समय और ईंधन खर्च बढ़ता है। सड़कों की हालत खराब होने से वाहन रख-रखाव पर खर्च बढ़ेगा। ये लागतें पूरी कंपनी पर असर डालती हैं।
  3. ब्रांड इमेज और सामाजिक उत्तरदायित्व
    एक सफल स्टार्टअप के CEO द्वारा इस तरह का निर्णय लेना और सार्वजनिक रूप से बोलना यह दिखाता है कि वे कर्मचारियों और स्थानीय सरकार की ज़िम्मेदारियों को ध्यान में रखते हैं। साथ ही यह सिग्नल है कि शहरों को अपनी बुनियादी सुविधाएं सुधारने की ज़रूरत है।
  4. स्थानीय सरकार और नीति प्रभावित
    ऐसी सार्वजनिक बातें और कंपनियों द्वारा सुधार की माँग अक्सर कानूनी और प्रशासनिक स्तर पर दबाव बनाती हैं। ये बजट आवंटन, योजनाओं का क्रियान्वयन, पर्यटन एवं निवेश नीति आदि पर असर डाल सकती हैं।
  5. भविष्य की रणनीति
    BlackBuck का यह कदम यह संकेत देता है कि कंपनियाँ अब ऐसी जगहों को चुनेंगी जहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो, commute आसान हो और कर्मचारियों की फुर्ती बनी रहे। यही नहीं, Remote Work या Satellite Offices की रणनीति और आकर्षक हो सकती है।

निष्कर्ष

  • Rajesh Yabaji ने यह कदम कार्यालय स्थान (office location) बदलने की घोषणा की है क्योंकि मौजूदा स्थिति कर्मचारियों और कंपनी दोनों के लिए टिकाऊ नहीं रही।
  • यह मुद्दा सिर्फ BlackBuck का नहीं है—बहुत सी टेक और लॉजिस्टिक्स कंपनियाँ, जो ORR, Bellandur जैसे इलाकों में हैं, वे भी इसी तरह की चिंताएँ व्यक्त कर रही हैं।
  • अगर सरकार निर्माता और नागरिक दोनों मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार पर काम करें तो ऐसी समस्याएँ कम हो सकती हैं।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. राजेश यबाजी कौन हैं?
👉 राजेश यबाजी BlackBuck के को-फाउंडर और CEO हैं, जो भारत की अग्रणी लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप है।

Q2. BlackBuck की स्थापना कब हुई?
👉 BlackBuck की शुरुआत 2015 में हुई थी।

Q3. BlackBuck का बिजनेस मॉडल क्या है?
👉 यह एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो ट्रक ड्राइवर्स और शिपर्स को जोड़ता है और लॉजिस्टिक्स को डिजिटाइज करता है।

Q4. राजेश यबाजी ने कहाँ से पढ़ाई की है?
👉 उन्होंने IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।

Q5. BlackBuck का वैल्यूएशन कितना है?
👉 2021 में BlackBuck का वैल्यूएशन $1 बिलियन से ज्यादा हो गया और यह Unicorn कंपनी बन गई।

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A. Kumar

मेरा नाम अजीत कुमार है। मैं एक कंटेंट क्रिएटर और ब्लॉगर हूँ, जिसे लिखने और नई-नई जानकारियाँ शेयर करने का शौक है। इस वेबसाइट पर मैं आपको ताज़ा खबरें, मोटिवेशनल आर्टिकल्स, टेक्नोलॉजी, एजुकेशन, हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़ी उपयोगी जानकारी सरल भाषा में उपलब्ध कराता हूँ।

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