Rahul Gandhi Tejashwi Yadav Rally: राहुल-तेजस्वी की पदयात्रा परेशानियों के बीच जारी : डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने रोका, पटना में वोट अधिकार यात्रा
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की पृष्ठभूमि में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और RJD के तेजस्वी यादव द्वारा शुरू की गई “वोटर अधिकार यात्रा” (Gandhi se Ambedkar march) का समापन पटना में हुआ। करीब 16 दिनों में 1,300 किलोमीटर पैदल यात्रा कर प्रदेश के 23 जिलों को पार करने के बाद यह यात्रा सोमवार, 1 सितंबर 2025 को पटना में साफ-साफ हो गई। लेकिन इसी समापन के अवसर पर डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने पदयात्रा को रोक दिया, और वहीं एक मंच पर राहुल-तेजस्वी सहित INDIA गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेताओं ने जनता के सामने आवाज उठाई।
इस लेख में हम विस्तार से जानेगे – क्या थी यह यात्रा, क्यों इसे रोका गया, नेताओं ने क्या कहा, प्रशासन ने कौन-सी व्यवस्था की, और वोटर अधिकार यात्रा का क्या प्रभाव हो सकता है।
पदयात्रा का उद्देश्य और महत्ता
इस यात्रा की शुरुआत हुई 17 अगस्त 2025 को सासाराम से। यह यात्रा करीब 1,300 किमी और 110 विधानसभा क्षेत्रों में फैली, जिसका उद्देश्य था –
- विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया के माध्यम से कथित रूप से वोटर सूची से गरीब-दलित-अतिपिछड़ों को हटाए जाने की विरोध में जागरूकता फैलाना,
- लोगों को उनका मताधिकार याद दिलाना,
- लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का संदेश देना।
राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, मल्लिकार्जुन खड़गे, हेमंत सोरेन, सुप्रिया सुले, डी राजा, दीपंकर भट्टाचार्य जैसे कई विपक्षी नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया, जिससे यह यात्रा महागठबंधन की ताकत और एकजुटता का प्रतीक बन गई।
पटना में समापन समारोह और पुलिस रोक
पटना में राष्ट्रीय एकता का यह शक्ति प्रदर्शन गांधी मैदान से शुरू होकर डाकबंगला चौराहे तक तय रूट पर चलना था। वहाँ एक मंच पर रैली होनी थी, और आगे आंबेडकर पार्क तक मार्च की योजना थी।
लेकिन प्रशासन की अनुमति केवल डाकबंगला चौराहे तक थी, और पुलिस ने बैरिकेडिंग और बड़े सुरक्षा सरंचना के साथ पदयात्रा को यहीं रोक दिया।
वहीँ राहुल-तेजस्वी-मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य नेताओं ने मंच पर जनसभा को संबोधित किया।
नेताओं का संकल्प और भाषण
राहुल गांधी
राहुल गांधी ने जनसभा में कहा कि यह यात्रा केवल बिहार का नहीं, बल्कि पूरे देश का आंदोलन है। उन्होंने आरोप लगाया कि “वोट चोरी” हो रही है, नए वोटर सूची में लोगों को बिना कारण हटाया गया है। उन्होंने कहा – “यह वोट अधिकार यात्रा है, लोकतंत्र की रक्षा की मंशा से।” उन्होंने चेतावनी दी कि अब दिल्ली-मुंबई-पटना तक वोट चोरी का सामना करना पड़ेगा।
तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने विरोध किया कि बिहार के लोगों को ठगने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा – “यह डुप्लीकेट नीतीश सरकार है, जो भ्रष्टाचार और अपराध में लिप्त है।” तेजस्वी ने अपनी पार्टी की ओर से घोषणा की कि “यह लड़ाई तभी रुकेगी जब वोटर का अधिकार सुनिश्चित हो जाए।”
अन्य नेताओं की भागीदारी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बहुमत सरकार बनते ही वोट का अधिकार छीना जा रहा है।
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य, CPI-ML ने भी मंच संभाला और लोकतंत्र बचाने के लिए जनता से आह्वान किया।
प्रशासन-पुलिस का रुख और सुरक्षा इंतज़ाम
- पटना पुलिस ने रूट डायवर्जन लागू किया, गांधी मैदान के आसपास ऑटो-रिक्शा पर रोक लगाई, और भारी संख्या में पुलिस तैनात की।
- डाकबंगला चौराहे पर बैरिकेडिंग कर पदयात्रा को यहीं रोक दिया गया।
- प्रशासन ने सोशल मीडिया और सीसीटीवी पर निगरानी तेज कर दी, अफवाह फैलने की रोकथाम की।
- स्थानीय ट्रैफिक को डायवर्ट करके यातायात सुचारू बनाए रखा गया।
- इसके पीछे नियम-व्यवस्था और हाई-कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों का हवाला दिया गया।
इस यात्रा का राजनीतिक-सामाजिक महत्व
पहलू | असर |
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लोकतांत्रिक संवाद | मतदाता-सूची, संविधान और चुनाव प्रक्रिया पर बहस को बढ़ावा मिला |
विपक्षी एकजुटता | महागठबंधन की ताकत और साझा उद्देश्य सामने आया |
मीडिया और जनता तक पहुँच | यात्रा-शक्तिरूप दृश्यों ने व्यापक जन-संवेदन जगाई |
चुनाव से पूर्व परिचालन | यह सत्ता विरोधी मोर्चा चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकता है |
भविष्य की राह: क्या होगा प्रभाव?
- आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में यह यात्रा राजनीतिक धुरी केंद्र बनी।
- “वोट चोरी” जैसे मुद्दे ने जनता में उत्साह और जागरूकता बढ़ाई।
- गठबंधन दलों ने संकेत दिए कि यह संघर्ष चुनाव आयोग और सरकार तक जारी रहेगा।
- सामाजिक आधार पर भी यह संदेश गया कि लोकतंत्र की रक्षा तवज्जो का विषय है।
राहुल-तेजस्वी की वोट अधिकार यात्रा केवल एक पदयात्रा नहीं थी—यह लोकतंत्र बचाओ यात्रा थी। सासाराम से पटना तक चली यह यात्रा नीति-निर्माताओं को चुनौती, जनता को जागरूकता, और विपक्षी गठबंधन को एकता का संदेश लेकर आई।
डाकबंगला चौराहे पर पद यात्रा को रोकना सिर्फ प्रशासनिक कदम नहीं था, बल्कि जनसभा मंच पर नेताओं द्वारा संकल्प जताना यह संकेत था कि लोकतंत्र और मत-अधिकार की लड़ाई सिर्फ चुनाव नहीं बल्कि संस्कार का मामला है।
यह यात्रा इतिहास में दर्ज होती है—एक छोटे से चौराहे पर रोकी गई यात्रा ने बड़े-बड़े सवाल लोगों के मन में उठाए: वोट चोरी, संविधान का हनन, दलित-आदिवासी मजबूरियों की अनदेखी। अब चुनाव परिणाम चाहे जो भी हो, यह यात्रा बिहार की यादगार लड़ाइयों में शुमार रहेगी। Rahul Gandhi Tejashwi Yadav Rally