शेयर बाजार राशिफल फैशन बॉलीवुड साउथ सिनेमा पर्व-त्यौहार आरती संग्रह पूजा-पाठ खान-पान टॉप डील्स विदेश ब्यूटी & स्किन हेल्थ आध्यात्मिक सरकारी योजना

---Advertisement---

पितृपक्ष 2025 : तिथि, महत्व, श्राद्ध विधि और नियम

On: September 2, 2025 2:09 PM
Follow Us:
Pitru Paksha 2025 Hindi
---Advertisement---

Pitru Paksha 2025 Hindi: पितृपक्ष 2025 : तिथि, महत्व, नियम और श्राद्ध विधि

पितृपक्ष क्या है?

हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है। यह कालखंड पितरों (पूर्वजों) को स्मरण करने, श्राद्ध और तर्पण करने के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इस समय पितृ लोक के द्वार खुल जाते हैं और पूर्वज पृथ्वी पर अपने वंशजों का आशीर्वाद देने आते हैं।

श्राद्ध और तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार पर सुख-शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद बरसाते हैं।


पितृपक्ष 2025 की तिथियाँ

पंचांग के अनुसार पितृपक्ष 2025 की शुरुआत 7 सितम्बर 2025 (रविवार) से होगी और इसका समापन 21 सितम्बर 2025 (रविवार) को होगा।

  • 🔹 पितृपक्ष आरंभ (पूर्णिमा श्राद्ध) – 7 सितम्बर 2025, रविवार
  • 🔹 पितृपक्ष समाप्त (सर्वपितृ अमावस्या) – 21 सितम्बर 2025, रविवार

पितृपक्ष का महत्व

  1. पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यह काल सबसे पवित्र माना गया है।
  2. श्राद्ध करने से पितरों की कृपा मिलती है और परिवार की सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
  3. यह कर्मों के ऋण से मुक्ति पाने का अवसर होता है।
  4. शास्त्रों में कहा गया है – “श्राद्धेन पितरः तृप्ताः प्रीतिं यान्ति परत्र च” यानी श्राद्ध करने से पितर तृप्त होते हैं और परलोक में सुख प्राप्त करते हैं।

पितृपक्ष में श्राद्ध कैसे करें? (सरल विधि)

  1. स्नान करके पवित्र वस्त्र धारण करें।
  2. कुश, जल और तिल से तर्पण करें।
  3. अपने पितरों का नाम लेकर श्राद्ध मंत्र का उच्चारण करें।
  4. ब्राह्मणों को भोजन कराएँ और दक्षिणा दें।
  5. गरीब और ज़रूरतमंदों को भोजन व वस्त्र दान करें।
  6. संभव हो तो गाय, कुत्ते, कौवे और चींटियों को भोजन ज़रूर कराएँ।

पितृपक्ष में क्या न करें?

  • नए वस्त्र और गहने न खरीदें।
  • विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य न करें।
  • मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से बचें।
  • किसी का अपमान न करें।

सर्वपितृ अमावस्या (21 सितम्बर 2025)

पितृपक्ष का अंतिम दिन सर्वपितृ अमावस्या कहलाता है। इस दिन वे लोग भी श्राद्ध कर सकते हैं जिन्हें अपने पितरों की तिथि याद नहीं है। यह दिन सबसे अधिक फलदायी माना जाता है।


निष्कर्ष

पितृपक्ष 2025 का समय 7 सितम्बर से 21 सितम्बर तक रहेगा। इस पखवाड़े में श्रद्धा और नियम से किए गए श्राद्ध से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यह सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि अपने पूर्वजों के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करने का अवसर है। Pitru Paksha 2025 Hindi

Keywords

  • पितृपक्ष 2025
  • पितृपक्ष 2025 तिथि
  • पितृपक्ष कब है 2025
  • Pitru Paksha 2025 Date
  • श्राद्ध 2025
  • सर्वपितृ अमावस्या 2025
  • पितृपक्ष महत्व
  • पितृपक्ष श्राद्ध विधि
  • पितृपक्ष नियम
  • श्राद्ध पक्ष 2025

A. Kumar

मेरा नाम अजीत कुमार है। मैं एक कंटेंट क्रिएटर और ब्लॉगर हूँ, जिसे लिखने और नई-नई जानकारियाँ शेयर करने का शौक है। इस वेबसाइट पर मैं आपको ताज़ा खबरें, मोटिवेशनल आर्टिकल्स, टेक्नोलॉजी, एजुकेशन, हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़ी उपयोगी जानकारी सरल भाषा में उपलब्ध कराता हूँ।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment