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दशहरा 2025: तारीख, पूजा विधि, महत्व और परंपराएँ

On: September 29, 2025 3:17 PM
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Dussehra in Hindi 2025
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Dussehra in Hindi 2025 / दशहरा 2025: तारीख, पूजा विधि, महत्व और परंपराएँ दशहरा 2025: तारीख, महत्व, पूजा विधि, परंपराएँ और खास बातें

भारत त्योहारों की भूमि है, और यहाँ हर त्योहार अपने साथ एक धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश लेकर आता है। इन्हीं प्रमुख त्योहारों में से एक है दशहरा या विजयादशमी। यह त्योहार असत्य पर सत्य की विजय और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक माना जाता है।

दशहरा हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में भी यह पर्व पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि दशहरा 2025 कब है, उसका महत्व क्या है, पूजा विधि कैसे की जाती है, और समाज में इस त्योहार की क्या भूमिका है। Dussehra in Hindi 2025


दशहरा 2025 कब है? (तारीख और मुहूर्त)

  • तारीख: गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:15 बजे से शाम 04:45 बजे तक
  • पूजा का समय: सुबह 10:30 बजे से 12:30 बजे तक शुभ मुहूर्त
  • नवमी तिथि प्रारंभ: 1 अक्टूबर 2025, रात 08:45 बजे
  • दशमी तिथि समाप्त: 2 अक्टूबर 2025, शाम 06:50 बजे

👉 इस दिन को विजयादशमी कहा जाता है, क्योंकि यह विजय प्राप्त करने का शुभ दिन है।


दशहरा का धार्मिक महत्व

दशहरा मुख्य रूप से दो पौराणिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है:

  1. रामायण की कथा:
    • भगवान राम ने रावण का वध इसी दिन किया था।
    • यह दिन बुराई और अहंकार पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
    • इसलिए इस दिन जगह-जगह रामलीला का आयोजन होता है और रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले दहन किए जाते हैं।
  2. महिषासुर मर्दिनी की कथा:
    • माँ दुर्गा ने 9 दिनों तक युद्ध करने के बाद महिषासुर राक्षस का वध किया था।
    • इसलिए इसे देवी विजयादशमी भी कहा जाता है।

👉 इन दोनों कथाओं से यही संदेश मिलता है कि सत्य, साहस और धर्म की हमेशा विजय होती है।


दशहरा 2025 की पूजा विधि

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और नए कपड़े पहनें।
  2. घर के मंदिर में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की पूजा करें।
  3. शमी के पेड़ की पूजा विशेष रूप से करें, क्योंकि इसे दशहरे का प्रतीक माना गया है।
  4. दुर्गा जी का आशीर्वाद प्राप्त करें और हथियारों की पूजा (आयुध पूजन) करें।
  5. रामलीला देखने जाएँ और रावण दहन के समय “जय श्रीराम” का उद्घोष करें।
  6. इस दिन विजय मुहूर्त में कोई नया काम शुरू करना शुभ माना जाता है।

दशहरा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

  • युद्ध प्रारंभ करने का शुभ दिन: प्राचीन काल में राजा इस दिन युद्ध शुरू करते थे।
  • आयुध पूजन: हथियार और औजारों की पूजा की जाती है।
  • सामाजिक एकता: दशहरे पर लोग एक-दूसरे को शमी के पत्ते देकर सोना मानते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं।
  • रामलीला परंपरा: उत्तर भारत में 9 दिनों तक रामलीला होती है, और दशमी को रावण दहन होता है।

भारत के अलग-अलग राज्यों में दशहरे की परंपराएँ

1. उत्तर भारत

  • रामलीला और रावण दहन सबसे प्रसिद्ध परंपरा है।
  • बड़े-बड़े मैदानों में मेले लगते हैं।

2. पश्चिम बंगाल

  • इसे दुर्गा विसर्जन के रूप में मनाया जाता है।
  • माँ दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जित कर लोग “अगले साल जल्दी आना” का आशीर्वाद मांगते हैं।

3. महाराष्ट्र

  • लोग एक-दूसरे को शमी के पत्ते (सोना) देते हैं।
  • नया काम शुरू करने के लिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है।

4. कर्नाटक – मैसूर दशहरा

  • मैसूर का दशहरा विश्व प्रसिद्ध है।
  • यहाँ हाथियों की सवारी और भव्य झाँकियाँ निकाली जाती हैं।

5. गुजरात

  • यहाँ दशहरे से पहले नवरात्रि का गरबा विशेष आकर्षण होता है।
  • विजयादशमी के दिन देवी की प्रतिमाओं का विसर्जन होता है।

दशहरा और नवरात्रि का संबंध

  • दशहरा, नवरात्रि का अंतिम दिन होता है।
  • नवरात्रि के 9 दिन माँ दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है।
  • दशमी के दिन विजय की घोषणा होती है।

👉 इसीलिए इसे विजयादशमी कहा जाता है।


आधुनिक युग में दशहरा 2025

आज के समय में भी दशहरा अपनी प्रासंगिकता बनाए हुए है।

  • लोग सोशल मीडिया पर “जय श्रीराम” और “विजयादशमी की शुभकामनाएँ” भेजते हैं।
  • रावण दहन लाइव टेलीकास्ट और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के जरिए देखा जाता है।
  • स्कूल और कॉलेज में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

👉 यह त्योहार आज भी हमें प्रेरित करता है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में जीत अच्छाई की ही होती है।


दशहरा 2025 में विशेष उपाय (ज्योतिषीय दृष्टि से)

  • इस दिन नया व्यापार शुरू करना शुभ।
  • घर में सोना-चाँदी खरीदना लाभकारी।
  • शमी के पत्ते का आदान-प्रदान समृद्धि लाता है।
  • दुर्गा जी और भगवान राम की आराधना से सभी विघ्न दूर होते हैं।

दशहरा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक जीवन संदेश है। यह हमें सिखाता है कि चाहे बुराई कितनी ही शक्तिशाली क्यों न लगे, लेकिन सत्य, धर्म और अच्छाई की जीत निश्चित है। Dussehra in Hindi 2025

2025 का दशहरा भी पूरे देश में भक्ति, उल्लास और विजय की भावना के साथ मनाया जाएगा।


FAQs

Q1. दशहरा 2025 कब है?
➡️ 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार

Q2. दशहरा को विजयादशमी क्यों कहा जाता है?
➡️ क्योंकि इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया और माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध किया।

Q3. दशहरे पर रावण दहन क्यों किया जाता है?
➡️ यह बुराई और अहंकार के नाश का प्रतीक है।

Q4. दशहरे पर क्या करना शुभ माना जाता है?
➡️ शमी के पेड़ की पूजा, नया काम शुरू करना, सोना खरीदना और रावण दहन देखना।

Q5. मैसूर दशहरा क्यों प्रसिद्ध है?
➡️ कर्नाटक का मैसूर दशहरा भव्य जुलूस और सजावट के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

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A. Kumar

मेरा नाम अजीत कुमार है। मैं एक कंटेंट क्रिएटर और ब्लॉगर हूँ, जिसे लिखने और नई-नई जानकारियाँ शेयर करने का शौक है। इस वेबसाइट पर मैं आपको ताज़ा खबरें, मोटिवेशनल आर्टिकल्स, टेक्नोलॉजी, एजुकेशन, हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़ी उपयोगी जानकारी सरल भाषा में उपलब्ध कराता हूँ।

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