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Dude Movie Review: एक उम्मीद और खिंचाव के बीच

On: October 17, 2025 2:28 PM
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Dude Movie Review Hindi
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Dude मूवी रिव्यू: यंग जेनरेशन के कन्फ्यूजन और रिलेशनशिप्स की सच्ची कहानी | Dude Movie Review in Hindi

“Dude” एक तमिल-भाषा की रोमांटिक कॉमेडी-ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन Keerthiswaran ने किया है, प्रोडक्शन किया है Mythri Movie Makers ने। यह उनकी डायरेक्शन की पहली फिल्म है। मुख्य भूमिका में हैं Pradeep Ranganathan और Mamitha Baiju। इस फिल्म को Diwali के समय रिलीज़ किया गया है, जो कि ज़्यादातर दर्शकों के लिए बड़े पैमाने पर उम्मीदों और उत्साह वाले मौके होते हैं


कहानी क्या है? (Plot Summary without Major Spoilers)

“Dude” की कहानी प्रेम, पारिवारिक रिश्तों, सामाजिक अपेक्षाओं और कुछ रोम-कॉमिक ट्विस्ट्स को साथ लेकर चलती है। मुख्य पात्र Agan (Pradeep रंजनटन) और Kural (Mamitha Baiju) के इर्द-गिर्द घूमती है। Agan और Kural के बीच शुरुआत में एक तरह की अनबन होती है, फिर भावनाएं गहराती हैं, लेकिन बीच-बीच में पारिवारिक दबाव, पुराने संघर्ष और सामाजिक मान्यताएँ कहानी को मोड़ देती हैं। फिल्म में एक साइडट्रैक भी है जिसमें दूसरे पात्रों की ज़िंदगी और उनकी उड़ान को दिखाया गया है।

कुल मिलाकर कहानी बड़ी जटिल नहीं है, मूल रूप से यह एक रोमांटिक ड्रामा है जिसमें कॉमेडी एवं पारिवारिक भावनाएँ मिलती हैं।


अभिनय (Performances)

  • Pradeep Ranganathan इस फिल्म में पूरी कोशिश करते हैं कि उनके किरदार के भाव, टोन और हँसी-ठिठोली काम करे। उनकी कॉमिक टाइमिंग अच्छी है, और भावनात्मक हिस्से में भी कुछ पंचलाइनें काम करती हैं। लेकिन कुछ श्रोता महसूस करते हैं कि उनका अभिनय ज़्यादा expressive हो गया, जहाँ सादगी ज़्यादा असर छोड़ती।
  • Mamitha Baiju ने अपने किरदार Kural में जितनी आत्मीयता चाहिए थी, वह देती हैं। उनकी केमिस्ट्री Pradeep के साथ कुछ-कुछ हिस्सों में काम करती है। कुछ सीन ऐसे हैं जहाँ मानवीय विषमता, प्रेम, अपेक्षा और संघर्ष इनका मिश्रण अच्छा लगता है।
  • सपोर्टिंग भूमिका निभाने वाले जैसे कि R. Sarath Kumar इत्यादि ने अपना हिस्सा निभाया है; कुछ संवाद और कुछ मूमेंट्स ऐसे हैं जो विशेष रूप से याद रहते हैं, खासकर पारिवारिक तनाव और पुरानी किस्म की भावनाएँ जो अचानक सामने आती हैं।

निर्देशन, संवाद और स्क्रीनप्ले (Direction, Dialogues & Screenplay)

  • Keerthiswaran ने एक हँसी-मज़ाक और इमोशनल ड्रामा का मिश्रण करने की कोशिश की है। शुरुआत की पलों में फिल्म हल्की-फुल्की है, मजा आता है, संवाद कुछ ऐसे हैं जो हँसा देते हैं। लेकिन दूसरी हाफ में कहानी कुछ अपेक्षित मोड़ों की ओर जाती है, जहाँ कुछ हिस्से थम जाते हैं या “ज्यादा sub-plot” लगता है।
  • संवाद (dialogues) अक्सर आकर्षक होते हैं, लेकिन कुछ संवाद ऐसे भी हैं जिन्हें दर्शक “cringe” कह रहे हैं — यानी ज़्यादा ज़ोरदार, ज़्यादा overused या clichés से भरे हुए।
  • स्क्रीनप्ले में pacing-issue दिखता है; पहले भाग में फिल्म अच्छी गति पर होती है, लेकिन बीच में थोड़ा धीमा हो जाती है — कुछ दृश्य कहीं कहीं औद्योगिक लगते हैं, या कहानी को आगे बढ़ाने के बजाय बस समय बिताने लगे।

तकनीकी पक्ष: साउंडट्रैक, सिनैमेटोग्राफी, एडिटिंग

  • संगीत और Background Score (BGM): संगीत अच्छी तरह से फिट है; जो रोमांटिक हिस्से हैं, और जो हल्की-फुलकी कॉमेडी हैं, उनमें संगीत मूड सही बनाता है। कुछ सॉन्ग्स catchy हैं और दर्शकों को जोड़ने में काम करते हैं। लेकिन हो सकता है कि कुछ संगीत विकल्प ज़्यादा प्रयोग हो गए हों, या कुछ गाने बीच में story flow को थोड़ा धीमा कर देते हों।
  • सिनैमेटोग्राफी: विज़ुअल्स अच्छे हैं; लोकेशन्स, फ्रेमिंग, कैमरा मूवमेंट — कुछ हिस्सों में ताज़गी झलकती है। कुछ दृश्य हैं जहाँ रंग-रूप, लाइटिंग, कैमरा एंगल्स काम करते हैं। लेकिन वैश्विक स्तर पर या बड़े बजट की फिल्मों से तुलना करें तो कोई बहुत बड़ी technical चमक नहीं है।
  • एडिटिंग: शुरुआत अच्छी, बीच में थोड़ा फैलाव, क्लिन-कट transitions नहीं हमेशा शानदार। दूसरे हाफ में pacing की कमी महसूस होती है क्योंकि कहानी कई subplots में बँटी हुई लगती है।

पॉजिटिव पहलू (What Works Well)

  1. हेरो और हीरोइन की केमिस्ट्री — Pradeep और Mamitha दोनों ही दृश्यों पर भरोसा कराते हैं, और उनके बीच कुछ सीन इसलिए काम करते हैं क्योंकि उनमें असली भावनाएँ दिखती हैं।
  2. म्यूजिक & साउंड — कुछ गाने और score ऐसे हैं कि फिल्म में भावनात्मक पलों को ताना-बाना देता है, हँसी या दर्द के बीच थोड़ा आराम देता है।
  3. हँसी के पल — कॉमेडी सिलसिले ऐसे हैं कि कुछ सीन सचमुच हल्के फुल्के मूड में बांधते हैं, भले ही हर मज़ाक काम न करे।
  4. भावनात्मक समापन (Emotional beat in the climax / end) — अंत की ओर जब कहानी भावनाओं की गहराई तक जाती है, कुछ दृश्य दिल को छू जाते हैं। खासकर पारिवारिक रिश्तों और बदलती परिस्थितियों के बीच जब किरदारों को फैसले लेने होते हैं।

कमियाँ और जहाँ थोड़ा कमजोर लगा (What Doesn’t Work So Well)

  1. स्क्रीनप्ले में Sub-plots का बोझ — कहानी को कई दिशाओं में मोड़ दिया गया है, जिनमें कुछ ज़रूरी हैं, और कुछ बस भराव (filler) लगे। इससे फिल्म की गति थम जाती है।
  2. दूसरे हाफ की कमजोरी — जैसा कि कई दर्शक कह रहे हैं, फिल्म की शुरुआत अच्छी है लेकिन बीच और अंत में कहानी कुछ predictable हो जाती है, या बदलाव कम असर छोड़ते हैं।
  3. संवादों में झिझक — कभी-कभी संवाद ज़्यादा विराट या dramatized लगते हैं, जहाँ थोड़ी सादगी संवादों को और प्रभावी बना सकती थी।
  4. भावनात्मक जुड़ाव का कमी — कुछ दर्शकों को यह लग सकता है कि किरदारों के संघर्ष या रिश्ते इतने गहरे नहीं दिखाए गए कि पूरी तरह से जुड़ सकें। एक समय-समय पर कहानी आपको बाहर खींच लेती है जब आप सोचते हो कि “अगर ये भाग थोड़ा और काम होता तो…”

अंत में: कुल मिला कर कैसी फिल्म है?

“Dude” एक ऐसी फिल्म है जिसे देखना बुरा अनुभव नहीं है — खासकर अगर आप रोमांटिक ड्रामा और कॉमेडी पसंद करते हैं। यह मजबूती और कमजोरियों से भरी है।

अगर मैं बताऊँ, तो यह “एक-बार देखने योग्य” फिल्म है। यानि अगर आपका मन हल्की मनोरंजक फिल्म देखना हो, जहाँ दिल को थोड़ा छूने वाला हिस्सा हो, थोड़ी हँसी हो, थोड़ा इमोशन हो — तो Dude भरपूर मनोरंजन दे सकती है।

लेकिन अगर आप ज़्यादा गहराई, अति प्रगाढ़ कहानी, या बिल्कुल अनपेक्षित ट्विस्ट चाहते हों, तो शायद यह फिल्म पूरी तरह संतुष्टि न दे।


नेटिज़न्स की राय और बॉक्स ऑफिस प्रावधान (Public Response & Business Side)

  • कई दर्शक Twitter और X पर कह रहे हैं कि पहली हाफ मज़ेदार है, लेकिन दूसरी हाफ कमजोर लगती है। कुछ ने कहा है कि संवाद व subplots ज़्यादा था।
  • acting और música की प्रशंसा की जा रही है। विशेष रूप से Pradeep और Mamitha के प्रदर्शन और background score को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
  • बॉक्स ऑफिस की स्थिति अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन फिल्म ने ओटीटी (Netflix) के लिए अधिकार पहले ही बेच दिए हैं, जिससे लागत की भरपाई का कुछ हिस्सा कवर हो गया है।

SEO टच: क्यों यह समीक्षा अलग है

मैंने इस समीक्षा में कोशिश की है कि न सिर्फ़ कि “फिल्म कैसी है”, बल्कि “क्यों ऐसी है” को भी साफ़ किया जाए:

  • कीवर्ड्स जैसे “Dude movie review हिंदी”, “Dude (2025) समीक्षा”, “Pradeep Ranganathan की फिल्म Dude”, “Mamitha Baiju की अभिनय” आदि इस्तेमाल किए गए हैं जिससे कि जो व्यक्ति गूगल में समीक्षा खोजे, उसे यह लेख मिले।
  • गहराई: सिर्फ़ “मज़ेदार थी” या “accha है” नहीं, बल्कि strengths-weaknesses दोनों पर विस्तार से विचार किया गया है।
  • मानव एहसास: जहाँ-जहाँ कहानी की कमजोरियाँ लगी हैं, वहाँ दर्शकों की उम्मीदों के मुकाबले फ़र्क समझाया गया है; जहाँ मज़े आए, वहाँ अनुभव को साझा किया है — यह सब “insider” और “viewer’s perspective” से लिखा है।

रेटिंग (मेरी तरफ़ से)

अगर 5 में से रेट दूँ:

  • अभिनय: 3.5 / 5
  • कहानी & screenplay: 3 / 5
  • मनोरंजन-स्तर: 3.5 / 5
  • संगीत / तकनीकी पहलू: 3.5 / 5
  • कुल मिलाकर: 3.3 / 5

A. Kumar

मेरा नाम अजीत कुमार है। मैं एक कंटेंट क्रिएटर और ब्लॉगर हूँ, जिसे लिखने और नई-नई जानकारियाँ शेयर करने का शौक है। इस वेबसाइट पर मैं आपको ताज़ा खबरें, मोटिवेशनल आर्टिकल्स, टेक्नोलॉजी, एजुकेशन, हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़ी उपयोगी जानकारी सरल भाषा में उपलब्ध कराता हूँ।

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