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Byju Raveendran Success Story Hindi: बायजू रवींद्रन

On: September 3, 2025 3:16 PM
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Byju Raveendran's success story began with his transition from engineer to educator, where his engaging math teaching methods gained popularity
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Byju Raveendran Success Story Hindi: बायजू रवींद्रन का उत्थान और पतन: एक प्रेरणादायक कहानी से लेकर संकट तक

भारत के शिक्षा क्षेत्र में बायजू रवींद्रन का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। एक छोटे से गांव के इंजीनियर से लेकर दुनिया की सबसे मूल्यवान एडटेक कंपनी के संस्थापक तक का उनका सफर प्रेरणादायक रहा है। लेकिन पिछले कुछ सालों में उनकी कंपनी बायजू, जो कभी 22 अरब डॉलर (लगभग 1.88 लाख करोड़ रुपये) की वैल्यूएशन के साथ भारत की स्टार्टअप दुनिया का सितारा थी, आज गहरे संकट में है। इस लेख में हम बायजू रवींद्रन के उत्थान और पतन की कहानी को सरल भाषा में समझेंगे, ताकि हर कोई इसे आसानी से समझ सके।

बायजू रवींद्रन की शुरुआती जिंदगी

बायजू रवींद्रन का जन्म 1980 में केरल के एक छोटे से गांव अझीकोड में हुआ था। उनके माता-पिता दोनों शिक्षक थे—मां गणित पढ़ाती थीं और पिता भौतिकी। पढ़ाई में होशियार बायजू ने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और एक शिपिंग कंपनी में नौकरी शुरू की। लेकिन उनकी जिंदगी तब बदली जब 2003 में छुट्टियों के दौरान वे अपने दोस्तों को CAT (कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) की तैयारी में मदद करने लगे।

बायजू ने खुद CAT परीक्षा दी और 100 परसेंटाइल स्कोर किया। दो साल बाद, 2005 में, उन्होंने फिर से यह परीक्षा दी और फिर से परफेक्ट स्कोर हासिल किया। उनके दोस्तों ने उन्हें पढ़ाने के लिए प्रेरित किया, और यहीं से उनकी शिक्षक बनने की यात्रा शुरू हुई। 2007 में उन्होंने कोचिंग शुरू की, और 2011 में अपनी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ के साथ मिलकर बायजू की नींव रखी।

बायजू का उदय: एक स्टार्टअप का सितारा

2015 में बायजू ने अपनी लर्निंग ऐप लॉन्च की, जिसका नाम था “BYJU’S – The Learning App”। इस ऐप ने बच्चों के लिए पढ़ाई को आसान और मजेदार बना दिया। इंटरैक्टिव वीडियो, गेम्स और क्विज़ के जरिए यह ऐप स्कूल के पाठ्यक्रम और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करता था। ऐप इतना लोकप्रिय हुआ कि लॉन्च के तीन महीने के अंदर ही इसे 20 लाख लोगों ने डाउनलोड किया।

कोविड-19 महामारी के दौरान, जब स्कूल बंद हो गए, बायजू की मांग आसमान छूने लगी। ऑनलाइन पढ़ाई का चलन बढ़ा, और बायजू ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया। कंपनी ने 2016 से 2021 के बीच 17 कंपनियां खरीदीं, जिनमें व्हाइटहैट जूनियर (300 मिलियन डॉलर), आकाश एजुकेशनल सर्विसेज (950 मिलियन डॉलर), और ग्रेट लर्निंग जैसी कंपनियां शामिल थीं।

2018 में बायजू यूनिकॉर्न बन गया, यानी इसकी वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई। 2022 तक कंपनी की वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर तक पहुंच गई। बायजू ने शाहरुख खान और लियोनेल मेसी जैसे बड़े सितारों को अपने ब्रांड एंबेसडर बनाया और 2022 के फीफा वर्ल्ड कप को स्पॉन्सर किया। कंपनी भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर भी नजर आई। Byju Raveendran Success Story Hindi

बायजू का पतन: क्या गलत हुआ?

लेकिन हर चमकती चीज सोना नहीं होती। बायजू की चमक जल्द ही फीकी पड़ने लगी। 2022 के बाद कंपनी कई मुश्किलों में फंस गई। आइए, समझते हैं कि क्या-क्या गलत हुआ:

1. ज्यादा तेजी से विस्तार

बायजू ने बहुत तेजी से अपनी कंपनी को भारत से 21 देशों तक फैलाया। बायजू रवींद्रन ने खुद स्वीकार किया कि यह जल्दबाजी एक बड़ी गलती थी। कोविड के समय (2019-2021) में तेजी से बढ़ने का दबाव था, लेकिन इसने कंपनी को कमजोर कर दिया।

2. 1.2 अरब डॉलर का कर्ज

2021 में बायजू ने 1.2 अरब डॉलर का टर्म लोन लिया, जबकि उनके पास इक्विटी के जरिए पैसा जुटाने का विकल्प था। बायजू ने बाद में कहा कि यह उनकी सबसे बड़ी गलती थी। इस कर्ज ने कंपनी को बाहरी दबावों के सामने कमजोर कर दिया।

3. वित्तीय घाटा और गलत प्रबंधन

2020-21 में कंपनी का घाटा 252 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,564 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने विज्ञापनों और मार्केटिंग पर पानी की तरह पैसा बहाया, लेकिन कोर्स की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे। माता-पिता और छात्रों ने शिकायत की कि बायजू के कोर्स उतने प्रभावी नहीं थे।

4. नौकरियों में कटौती

कंपनी ने लागत कम करने के लिए लगभग 5,000 कर्मचारियों को निकाल दिया। कर्मचारियों ने खराब कामकाजी माहौल और अत्यधिक दबाव की शिकायत की। बायजू पर यह भी आरोप लगा कि इसने कम आय वाले परिवारों को महंगे कोर्स खरीदने के लिए मजबूर किया, जिसके कारण कई परिवार कर्ज में डूब गए।

5. कानूनी और नियामक समस्याएं

2023 में बायजू की मूल कंपनी, थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड, को कई कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। भारतीय प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के उल्लंघन के लिए 9,362 करोड़ रुपये से ज्यादा के उल्लंघन का नोटिस जारी किया। इसके अलावा, BCCI ने 158 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान को लेकर बायजू के खिलाफ मुकदमा दायर किया।,

6. निवेशकों का भरोसा टूटा

बायजू के बड़े निवेशकों, जैसे प्रोसस और ब्लैकरॉक, ने कंपनी की वैल्यूएशन को 22 अरब डॉलर से घटाकर 1 अरब डॉलर कर दिया। कुछ निवेशकों ने बायजू रवींद्रन को CEO के पद से हटाने की मांग की। 2023 में कंपनी के ऑडिटर डेलॉइट ने भी इस्तीफा दे दिया, क्योंकि बायजू समय पर वित्तीय रिपोर्ट्स दाखिल नहीं कर पा रहा था।

7. कर्मचारियों को सैलरी का संकट

2023 और 2024 में बायजू कर्मचारियों की सैलरी देने में भी असमर्थ रहा। बायजू रवींद्रन को अपने घर तक गिरवी रखना पड़ा ताकि कर्मचारियों को कुछ भुगतान किया जा सके।

बायजू रवींद्रन का नेट वर्थ: अरबपति से शून्य तक

2022 में बायजू रवींद्रन की नेट वर्थ 17,545 करोड़ रुपये (2.1 अरब डॉलर) थी, और वे फोर्ब्स बिलियनेयर इंडेक्स में शामिल थे। लेकिन 2024 तक उनकी नेट वर्थ शून्य हो गई। कंपनी की वैल्यूएशन भी 1 अरब डॉलर से नीचे आ गई। यह एक ऐसी कंपनी के लिए बड़ा झटका था, जो कभी भारत के स्टार्टअप की मिसाल थी।

बायजू रवींद्रन की वापसी की उम्मीद

इन सभी मुश्किलों के बावजूद, बायजू रवींद्रन हार नहीं मान रहे हैं। 2025 में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “Broke, not broken. We will rise again.” (टूटे हैं, लेकिन हारे नहीं। हम फिर से उठेंगे।) उन्होंने कहा कि कंपनी जल्द ही दोबारा लॉन्च होगी और वे अपने पुराने कर्मचारियों को फिर से नौकरी देंगे।

बायजू ने यह भी बताया कि उनकी कंपनी ने 215,000 नए स्नातकों को नौकरी दी थी, जिनमें से कई आज उद्यमी बन चुके हैं। उन्होंने अपनी गलतियों को स्वीकार किया, खासकर 1.2 अरब डॉलर के कर्ज को लेने की गलती को। लेकिन उनका कहना है कि उनकी मंशा हमेशा शिक्षा को बेहतर बनाने की थी।

क्या बायजू फिर से उठ खड़ा होगा?

बायजू रवींद्रन ने “BYJU’S 3.0” की योजना बनाई है, जिसके तहत कंपनी को एक छोटी और टिकाऊ इकाई के रूप में फिर से शुरू किया जाएगा। लेकिन कई लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उनकी आलोचना की और कहा कि उनकी गलत नीतियों ने कई परिवारों और कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाया।

फिर भी, बायजू का कहना है कि वे हार नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा, “यह भारत के लिए एक खोया हुआ अवसर है। मेरा सपना एक मिलियन शिक्षण नौकरियां पैदा करने का था।” उनका मानना है कि अगर वे फिर से नियंत्रण हासिल कर लेते हैं, तो वे कंपनी को दोबारा खड़ा करेंगे।

निष्कर्ष

बायजू रवींद्रन की कहानी एक रोलर कोस्टर की तरह है—उम्मीदों, सपनों और मेहनत से शुरू होकर गलतियों और मुश्किलों तक। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि तेजी से बढ़ना अच्छा है, लेकिन सावधानी और सही प्रबंधन के बिना यह खतरनाक हो सकता है। बायजू का भविष्य क्या होगा, यह समय ही बताएगा। लेकिन उनकी हिम्मत और जुनून आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है।

अगर आप बायजू रवींद्रन और उनकी कंपनी की इस यात्रा के बारे में और जानना चाहते हैं, तो उनकी आधिकारिक वेबसाइट या विश्वसनीय न्यूज स्रोतों पर नजर रखें। क्या आपको लगता है कि बायजू फिर से अपनी चमक हासिल कर पाएंगे? अपनी राय हमें जरूर बताएं! Byju Raveendran Success Story Hindi

A. Kumar

मेरा नाम अजीत कुमार है। मैं एक कंटेंट क्रिएटर और ब्लॉगर हूँ, जिसे लिखने और नई-नई जानकारियाँ शेयर करने का शौक है। इस वेबसाइट पर मैं आपको ताज़ा खबरें, मोटिवेशनल आर्टिकल्स, टेक्नोलॉजी, एजुकेशन, हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़ी उपयोगी जानकारी सरल भाषा में उपलब्ध कराता हूँ।

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