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Anant Chaturdashi 2025 Hindi: तिथि, महत्व और गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त

On: September 1, 2025 12:13 PM
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Anant Chaturdashi 2025 Hindi
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Anant Chaturdashi 2025 Hindi: कब है अनंत चतुर्दशी 2025? क्या रहेगा इस दिन गणेश विसर्जन का मुहूर्त

भारत उत्सवों का देश है, जहाँ हर त्योहार का अपना अलग महत्व और परंपरा होती है। इन्हीं खास पर्वों में से एक है अनंत चतुर्दशी, जिसे विशेष रूप से गणेश भक्त बड़ी श्रद्धा और उत्साह से मनाते हैं। यही वह दिन होता है जब गणपति बप्पा को विसर्जन के साथ विदा किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन मोक्ष की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है. इसके लिए अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है.

आइए विस्तार से जानते हैं कि अनंत चतुर्दशी 2025 कब है, इसका महत्व क्या है और गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त कौन सा रहेगा।


अनंत चतुर्दशी 2025 की तिथि और समय

वर्ष 2025 में अनंत चतुर्दशी का पर्व शनिवार, 6 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा। अनंत चतुर्दशी की तिथि 6 सितंबर को सुबह 3 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी और तिथि का समापन 7 सितंबर को अर्धरात्रि 1 बजकर 41 मिनट पर होगा.

  • अनंत चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 6 सितंबर, सुबह 03:12 बजे
  • अनंत चतुर्दशी तिथि समाप्त: 7 सितंबर, रात 01:41 बजे

इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप और गणपति बप्पा दोनों की पूजा का विशेष महत्व है।


गणेश विसर्जन 2025 का शुभ मुहूर्त

गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा का स्वागत होता है और दस दिनों तक भक्त पूरे मन से उनकी पूजा करते हैं। दसवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन किया जाता है।

गणेश विसर्जन के श्रेष्ठ मुहूर्त (6 सितंबर 2025)

  • प्रातः शुभ मुहूर्त: सुबह 07:36 – 09:10 बजे
  • दोपहर का मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): 12:19 – 17:02 बजे तक
  • सायंकालीन मुहूर्त (लाभ): 18:37 – 20:02 बजे तक
  • रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर): 21:28 – 01:45 (7 सितंबर तड़के तक)
  • उषा-काल का मुहूर्त: 7 सितंबर, सुबह 04:36 – 06:02 बजे तक

यदि भक्त चाहें तो सुबह से लेकर रात्रि तक दिए गए इन शुभ समयों में गणपति विसर्जन कर सकते हैं।


अनंत चतुर्दशी का महत्व

अनंत चतुर्दशी का धार्मिक महत्व बहुत बड़ा है।

  • इस दिन भगवान विष्णु को अनंत स्वरूप में पूजा जाता है और ‘अनंत सूत्र’ धारण करने की परंपरा है।
  • यही वह दिन है जब भक्तजन दस दिनों तक अपने घर या पंडाल में विराजे गणेश जी का विसर्जन करते हैं।
  • माना जाता है कि इस दिन की पूजा और व्रत से व्यक्ति को असीम सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।

अनंत सूत्र बांधने की परंपरा

अनंत चतुर्दशी पर अनंत सूत्र (लाल या पीला धागा जिसमें 14 गांठें लगाई जाती हैं) बांधने का विशेष महत्व है।

  • पुरुष इसे दाएँ हाथ में और महिलाएँ बाएँ हाथ में बांधती हैं।
  • इसे बांधने से जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ दूर होती हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

गणेश विसर्जन का महत्व

गणेश विसर्जन सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हमें जीवन का गहरा संदेश भी देता है।

  1. जीवन का सत्य: मिट्टी से बनी प्रतिमा का जल में मिलना बताता है कि जीवन अस्थायी है और अंततः सब प्रकृति में ही विलीन हो जाता है।
  2. सकारात्मक ऊर्जा: दस दिनों की भक्ति से जो सकारात्मकता आती है, विसर्जन उस ऊर्जा को वातावरण में फैलाने का प्रतीक है।
  3. पुनः आगमन की आशा: विसर्जन के समय भक्त “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” कहकर अगले वर्ष बप्पा के पुनः आगमन की प्रार्थना करते हैं।

गणेश विसर्जन की विधि

  1. सबसे पहले गणपति की पूजन-अर्चना और आरती करें।
  2. बप्पा को उनका प्रिय भोग मोदक, लड्डू, फल और पुष्प अर्पित करें।
  3. परिवार और समाज के लोग मिलकर “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारों के साथ विदाई दें।
  4. साफ जल (नदी, तालाब या कृत्रिम टैंक) में प्रतिमा का विसर्जन करें।
  5. पर्यावरण की रक्षा के लिए आजकल घर में बाल्टी या टब में विसर्जन करने की परंपरा भी बढ़ रही है।

अनंत चतुर्दशी से जुड़ी पौराणिक कथा

महाभारत काल में जब पांडव वनवास में थे, तब श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को अनंत चतुर्दशी का व्रत करने का उपदेश दिया था।
कहा जाता है कि इस व्रत को करने से उन्हें अनेक कष्टों से मुक्ति मिली और विजय प्राप्त हुई।
इसीलिए इसे अत्यंत पवित्र और फलदायी व्रत माना जाता है।


अनंत चतुर्दशी पर क्या करें और क्या न करें

क्या करें

  • भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा करें।
  • अनंत सूत्र धारण करें।
  • गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें।
  • गणपति विसर्जन श्रद्धा और उत्साह से करें।

क्या न करें

  • विसर्जन में POP या केमिकल की मूर्तियों का उपयोग न करें।
  • इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें।
  • क्रोध या नकारात्मक व्यवहार से बचें।

गणेश विसर्जन और पर्यावरण

आज के समय में पर्यावरण संरक्षण बहुत जरूरी है। इसलिए कोशिश करें:

  • केवल मिट्टी की प्रतिमा का विसर्जन करें।
  • फूल, प्लास्टिक या अन्य कचरा जल में न डालें।
  • घर पर बाल्टी/टब में विसर्जन करके मिट्टी को पौधों में डाल दें।

इससे बप्पा भी प्रसन्न होंगे और प्रकृति भी सुरक्षित रहेगी।


निष्कर्ष

अनंत चतुर्दशी 2025 शनिवार, 6 सितंबर को मनाई जाएगी और गणेश विसर्जन इसी दिन होगा।
सुबह से लेकर रात्रि तक अनेक शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं, लेकिन खासतौर पर सुबह 07:36–09:10 और दोपहर 12:19–17:02 सबसे श्रेष्ठ समय माना गया है।

यह दिन भगवान विष्णु और गणेश जी दोनों की कृपा प्राप्त करने का अद्भुत अवसर है। भक्त पूरे उत्साह से बप्पा को विदा करेंगे और अगले वर्ष फिर स्वागत की कामना करेंगे।

गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ!


अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन से जुड़े प्रश्न

Q1. अनंत चतुर्दशी 2025 कब है?
शनिवार, 6 सितंबर 2025 को।

Q2. गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त क्या है?
सुबह 07:36–09:10 और दोपहर 12:19–17:02 सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त हैं।

Q3. अनंत सूत्र कौन पहनता है?
पुरुष दाएँ हाथ में और महिलाएँ बाएँ हाथ में।

Q4. क्या गणेश विसर्जन घर में किया जा सकता है?
हाँ, पर्यावरण को बचाने के लिए घर पर ही बाल्टी या टब में विसर्जन करना बेहतर है।

Q5. अनंत चतुर्दशी का महत्व क्या है?
यह व्रत भगवान विष्णु और गणेश जी दोनों की कृपा प्राप्त करने का अवसर है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।

Anant Chaturdashi 2025 Hindi

A. Kumar

मेरा नाम अजीत कुमार है। मैं एक कंटेंट क्रिएटर और ब्लॉगर हूँ, जिसे लिखने और नई-नई जानकारियाँ शेयर करने का शौक है। इस वेबसाइट पर मैं आपको ताज़ा खबरें, मोटिवेशनल आर्टिकल्स, टेक्नोलॉजी, एजुकेशन, हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़ी उपयोगी जानकारी सरल भाषा में उपलब्ध कराता हूँ।

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