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एलेक्जेंडर वांग: एआई की दुनिया का चमकता सितारा जो 28 साल की उम्र में अरबपति बना

On: September 30, 2025 5:11 PM
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Alexandr Wang Success Story Hindi
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Alexandr Wang Success Story Hindi /

क्या आपने कभी सोचा है कि एक छोटे से शहर में जन्मा लड़का कैसे एआई की दुनिया का बादशाह बन जाता है? एलेक्जेंडर वांग की कहानी ऐसी ही है – एक ऐसी प्रेरणा जो न सिर्फ युवाओं को प्रेरित करती है, बल्कि पूरी टेक इंडस्ट्री को हिला देती है। 2025 का साल उनके लिए और भी खास रहा, जब उन्होंने स्केल एआई को मेटा के साथ 14.3 बिलियन डॉलर का डील किया और खुद मेटा की सुपरइंटेलिजेंस लैब्स के हेड बन गए। लेकिन ये सब एक रात में नहीं हुआ। ये कहानी है मेहनत, स्मार्ट चॉइस और थोड़े से भाग्य की। अगर आप एआई, स्टार्टअप्स या सक्सेस स्टोरीज के शौकीन हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए है। आइए, गहराई से जानते हैं एलेक्जेंडर वांग के बारे में – उनके बचपन से लेकर आज की हाई-प्रोफाइल जॉब तक।

प्रारंभिक जीवन: लॉस एलामोस का लड़का जो सपनों का पीछा करता था

एलेक्जेंडर वांग का जन्म 1997 में न्यू मैक्सिको के लॉस एलामोस शहर में हुआ। ये शहर कोई आम जगह नहीं है। WWII के दौरान यहीं पर अमेरिका ने अपना पहला एटॉमिक बम विकसित किया था। लेकिन वांग का परिवार इससे कहीं ज्यादा इंटरेस्टिंग था। उनके माता-पिता चीनी इमिग्रेंट्स थे, जो अमेरिकी एयर फोर्स और मिलिट्री प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले फिजिसिस्ट थे। लॉस एलामोस नेशनल लेबोरेटरी में उनके पेरेंट्स का काम इतना सेंसिटिव था कि घर का माहौल हमेशा साइंस और इनोवेशन से भरा रहता।

बचपन से ही एलेक्जेंडर को मैथ और कोडिंग का शौक था। स्कूल में वो हमेशा टॉप पर रहते। एक बार की बात है, जब वो सिर्फ 10-11 साल के थे, तो उन्होंने घर पर ही एक साधारण गेम बनाया – कुछ ऐसा जो आज के बच्चों के लिए लेगो ब्लॉक्स की तरह आसान लगे, लेकिन तब ये क्रांति था। उनके पिता बताते हैं कि एलेक्जेंडर हमेशा सवाल पूछते: “ये क्यों होता है? इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है?” ये जिज्ञासा ही थी जो उन्हें आगे ले गई। परिवार का चीनी बैकग्राउंड भी असर डालता – हार्ड वर्क और डिसिप्लिन की वैल्यूज जो एशियन कल्चर में गहरी जड़ें रखती हैं। लेकिन अमेरिकी फ्रीडम ने उन्हें एक्सपेरिमेंट करने की आजादी दी।

लॉस एलामोस जैसे छोटे शहर में रहना आसान नहीं था। वहां की आबादी कम है, और टेक सीनल्स भी दूर। लेकिन इंटरनेट ने सब बदल दिया। एलेक्जेंडर ऑनलाइन कोर्सेस लेते, फोरम्स पर डिस्कस करते। उनकी उम्र के बच्चों के मुकाबले वो सालों आगे थे। आज जब हम सोचते हैं कि कैसे एक बच्चा एआई की दुनिया में कूद पड़ा, तो लगता है कि ये किस्मत नहीं, बल्कि तैयारी थी। वांग खुद कहते हैं, “मेरा बचपन साइंस फिक्शन बुक्स और कोडिंग नाइट्स से भरा था।” ये बातें उन्हें एक आम इंजीनियर से अलग बनाती हैं – वो विजनरी हैं। Alexandr Wang Success Story Hindi

शिक्षा का सफर: एमआईटी से ड्रॉपआउट तक का रोमांचक चैप्टर

हाई स्कूल खत्म करने के बाद एलेक्जेंडर ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में एडमिशन लिया। यहां उन्होंने मैथ और कंप्यूटर साइंस पढ़ा। एमआईटी जैसी जगह किसी के लिए भी ड्रीम है – वहां के प्रोफेसर्स दुनिया के बेस्ट हैं, और स्टूडेंट्स फ्यूचर के लीडर्स। लेकिन वांग के लिए ये सिर्फ स्टेपिंग स्टोन था। 19 साल की उम्र में, 2016 में, उन्होंने यूनिवर्सिटी छोड़ दी। क्यों? क्योंकि उनके दिमाग में एक आइडिया घूम रहा था – डेटा लेबलिंग का।

ये फैसला आसान नहीं था। एमआईटी ड्रॉपआउट्स की लिस्ट में वो एलन मस्क और बिल गेट्स जैसे नामों के साथ खड़े हो गए। लेकिन वांग को पता था कि थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिस मायने रखती है। कॉलेज के दौरान उन्होंने इंटर्नशिप्स कीं – क्वांटम कम्प्यूटिंग पर काम किया, एडवांस्ड अल्गोरिदम्स सीखे। एक इंटर्नशिप में उन्होंने डेटा एनालिसिस पर प्रोजेक्ट किया, जो बाद में स्केल एआई का बेस बना।

ड्रॉपआउट होने के बावजूद, वांग एमआईटी के नेटवर्क से जुड़े रहे। वहां के दोस्तों और प्रोफेसर्स ने उनकी स्टार्टअप जर्नी में मदद की। आज जब युवा एमआईटी जाते हैं, तो वांग की स्टोरी सुनकर सोचते हैं – “शायद ड्रॉपआउट ही सही रास्ता हो।” लेकिन सावधान! ये हर किसी के लिए नहीं। वांग की सक्सेस उनकी स्किल्स और टाइमिंग की वजह से थी। शिक्षा ने उन्हें फाउंडेशन दिया, लेकिन रियल वर्ल्ड ने पंख।

स्केल एआई की जन्मकथा: एक आइडिया जो इंडस्ट्री बदल गया

2016 में, सिर्फ 19 साल की उम्र में, एलेक्जेंडर ने लुसी गुओ के साथ मिलकर स्केल एआई की स्थापना की। आइडिया सिंपल था: एआई मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए हाई-क्वालिटी लेबल्ड डेटा चाहिए। लेकिन कंपनियां खुद ये नहीं कर पातीं। स्केल ने ये गैप फिल किया – एक प्लेटफॉर्म जो डेटा को तेजी से और एक्यूरेटली लेबल करता है। शुरू में ये एमआईटी के डोरम रूम से चला।

पहले कस्टमर्स छोटे थे – रिसर्चर्स और स्टार्टअप्स। लेकिन जल्दी ही ओपनएआई, माइक्रोसॉफ्ट जैसे बड़े नाम जुड़े। 2018 तक स्केल ने 4.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग रेज की। वांग की स्ट्रेटजी स्मार्ट थी: ह्यूमन-इन-द-लूप अप्रोच, जहां लोग और एआई साथ काम करते। ये न सिर्फ एक्यूरेट था, बल्कि स्केलेबल भी।

कंपनी की ग्रोथ एक्सपोनेंशियल थी। 2021 में, 24 साल की उम्र में, वांग वर्ल्ड के सबसे युवा सेल्फ-मेड बिलियनेयर बने। फोर्ब्स ने उन्हें 30 अंडर 30 लिस्ट में शुमार किया। आज स्केल एआई का वैल्यूएशन 29 बिलियन डॉलर है, और 2024 में रेवेन्यू 870 मिलियन डॉलर रहा। 2025 के लिए प्रोजेक्शन 2 बिलियन डॉलर का है। लेकिन ये नंबर्स से ज्यादा, स्केल ने एआई डेमोक्रेटाइज किया। ऑटोनॉमस व्हीकल्स से लेकर चैटबॉट्स तक, हर जगह उनका डेटा है।

वांग की लीडरशिप स्टाइल अनोखी है। वो टीम को एम्पावर करते हैं, फेलियर को लर्निंग मानते। एक इंटरव्यू में कहा, “हम फिक्स्ड माइंडसेट से ग्रोथ माइंडसेट पर शिफ्ट हुए।” ये अप्रोच ने स्केल को 1500+ एम्प्लॉयी वाली कंपनी बना दिया। Alexandr Wang Success Story Hindi

फंडिंग और ग्रोथ: बिलियंस का सफर

स्केल की फंडिंग जर्नी रोलरकोस्टर जैसी रही। Y कॉम्बिनेटर से शुरू होकर, एकोर्न, फाउंटेनहेड जैसे इनवेस्टर्स जुड़े। 2022 में 325 मिलियन डॉलर की राउंड ने कंपनी को 7.3 बिलियन वैल्यूएशन दिया। लेकिन 2025 का जून मीलस्टोन था – मेटा का 14.3 बिलियन इनवेस्टमेंट, जो 49% स्टेक के लिए था। इससे वैल्यूएशन 29 बिलियन हो गया।

ये डील सिर्फ मनी नहीं, स्ट्रेटेजिक थी। मेटा को एआई डेटा चाहिए, स्केल को स्केलिंग। वांग ने कहा, “ये पार्टनरशिप एआई के फ्यूचर को शेप करेगी।” फंडिंग राउंड्स में टोटल 14.3 बिलियन रेज हुआ। लेकिन चैलेंजेस भी थे – डेटा प्राइवेसी, क्वालिटी इश्यूज। वांग ने इन्हें टैकल किया AI टूल्स से। आज स्केल न सिर्फ लेबलिंग, बल्कि इवैल्यूएशन प्लेटफॉर्म भी ऑफर करता है।

ग्रोथ के पीछे वांग का विजन: “डेटा एआई का फ्यूल है। बिना अच्छे डेटा के, कोई मॉडल नहीं चलेगा।” ये सोच ने उन्हें इंडस्ट्री लीडर बनाया।

उपलब्धियां: पुरस्कारों से भरी ट्रॉफी शेल्फ

एलेक्जेंडर वांग की अचीवमेंट्स लिस्ट लंबी है। 2021 में सबसे युवा बिलियनेयर। फोर्ब्स 30 अंडर 30, टाइम 100 नेक्स्ट लिस्ट। 2025 में नेट वर्थ 3.6 बिलियन डॉलर।

लेकिन पर्सनल अचीवमेंट्स भी कम नहीं। वो गोल्ड हाउस मेंबर्स हैं, जो एशियन लीडर्स को प्रमोट करता। वांग की स्टोरी मोटिवेशनल स्पीकर बन गई। TED टॉक्स, पॉडकास्ट्स में वो शेयर करते: “एज नॉट ए बैरियर, इट्स ए कैटेलिस्ट।”

सोशल मीडिया पर भी इम्पैक्ट। X (ट्विटर) पर उनकी मूव टू मेटा पर मिक्स्ड रिएक्शन्स – कुछ मीम्स बनाए, जैसे “डेटा लेबलिंग से सुपरइंटेलिजेंस तक”। लेकिन ओवरऑल, रिस्पेक्ट ज्यादा। एक पोस्ट में लिखा, “वांग ने प्रूव किया कि ह्यूमन टच एआई में जरूरी है।”

मेटा में नया अध्याय: सुपरइंटेलिजेंस लैब्स का कमांडर

जून 2025 में बड़ा ऐलान: वांग स्केल के CEO पद से स्टीप डाउन, लेकिन बोर्ड पर बने रहे। मेटा जॉइन किया हेड ऑफ सुपरइंटेलिजेंस लैब्स (MSL) के तौर पर। मार्क जुकरबर्ग ने खुद डील लीड की। कुछ स्केल एम्प्लॉयी भी मेटा आए।

ये मूव AI रेस में मेटा को बूस्ट देगा। वांग AGI (आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस) पर फोकस करेंगे। एक इंटरव्यू में कहा, “2027 तक AGI पॉसिबल है।” लेकिन क्रिटिक्स कहते, “डेटा लेबलर से AI चीफ?” वांग का जवाब: “एक्सपीरियंस मैटर्स, नॉट टाइटल्स।”

मेटा में उनका रोल AI रिसर्च को स्केल करेगा। Llama मॉडल्स को नेक्स्ट लेवल ले जाना टारगेट। सितंबर 2025 में, उन्होंने टीनएजर्स को एडवाइस दी: “AI टूल्स से वाइब-कोडिंग करो। कोडिंग का फ्यूचर AI लिखेगा।” ये सलाह वायरल हुई।

भविष्य की योजनाएं: एआई का नेक्स्ट फ्रंटियर

वांग का विजन क्लियर है – एआई को हर इंडस्ट्री में इंटीग्रेट करना। मेटा में वो हेल्थकेयर, एजुकेशन पर फोकस करेंगे। स्केल के साथ पार्टनरशिप से डेटा शेयरिंग बढ़ेगी। लेकिन चैलेंजेस: एथिक्स, बायस। वांग कहते, “रिस्पॉन्सिबल AI जरूरी है।”

युवाओं के लिए सलाह: “टाइम इन्वेस्ट करो AI में।” उनकी स्टोरी प्रूव करती है कि 20s में बड़ा सोचो। फ्यूचर में शायद वो AI पॉलिसी में कूदें।

निष्कर्ष: एलेक्जेंडर वांग – इंस्पिरेशन फॉर जेनरेशंस

एलेक्जेंडर वांग की जर्नी साबित करती है कि बैकग्राउंड मायने नहीं रखता, विजन करता है। लॉस एलामोस से मेटा तक, वो एआई का फेस हैं। अगर आप स्टार्टअप सोच रहे, तो उनकी स्टोरी पढ़ो। वांग ने दुनिया बदली – आप भी कर सकते हो। क्या लगता है, अगला स्टेप क्या होगा? कमेंट्स में बताओ! Alexandr Wang Success Story Hindi

A. Kumar

मेरा नाम अजीत कुमार है। मैं एक कंटेंट क्रिएटर और ब्लॉगर हूँ, जिसे लिखने और नई-नई जानकारियाँ शेयर करने का शौक है। इस वेबसाइट पर मैं आपको ताज़ा खबरें, मोटिवेशनल आर्टिकल्स, टेक्नोलॉजी, एजुकेशन, हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़ी उपयोगी जानकारी सरल भाषा में उपलब्ध कराता हूँ।

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