Advance Tax Payment Hindi: एडवांस टैक्स पेमेंट FY 2025-26: नए नियम, फायदे और सावधानियाँ
भारत में टैक्स व्यवस्था लगातार विकसित हो रही है। वित्त वर्ष (FY) 2025-26 के लिए केंद्र सरकार और आयकर विभाग ने एडवांस टैक्स (Advance Tax) के प्रावधानों में कुछ महत्वपूर्ण अपडेट किए हैं। यदि आप एक करदाता हैं — कर्मचारी हों, फ्रीलांसर, व्यवसायी या प्रोफ़ेशनल — तो निम्न जानकारियाँ आपके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं।
एडवांस टैक्स क्या है?
एडवांस टैक्स (Advance Tax) वह टैक्स है जिसे पूरे वित्तीय वर्ष में किस्तों के माध्यम से पहले से जमा करना होता है, बजाय इस के कि पूरा टैक्स साल के अंत में एकमुश्त भरा जाए। यदि किसी करदाता की अनुमानित कुल टैक्स देनदारी (TDS / TCS घटाकर) ₹10,000 से अधिक हो तो एडवांस टैक्स देना अनिवार्य है। यह प्रावधान आयकर अधिनियम की धारा 208 के अंतर्गत आता है।
FY 2025-26 के लिए एडवांस टैक्स की किस्त-तारीखें और दरें
FY 2025-26 (असेसमेंट ईयर 2026-27) के लिए एडवांस टैक्स किस्तें और देय प्रतिशत निम्नलिखित हैं:
किस्त | देय तिथि | कुल टैक्स देनदारी का प्रतिशत (%) |
---|---|---|
पहली किस्त | 15 जून, 2025 | 15% |
दूसरी किस्त | 15 सितंबर, 2025 | 45% (कुल, पहली किस्त सहित) |
तीसरी किस्त | 15 दिसंबर, 2025 | 75% |
चौथी किस्त | 15 मार्च, 2026 | 100% (पूरी देनदारी) |
Presumptive Taxation अपनाने वालों के लिए नियम अलग हैं: यदि आप धारा 44AD या 44ADA के अंतर्गत हैं, तो पूरा एडवांस टैक्स एक ही किस्त (15 मार्च 2026) में भरना होगा। Advance Tax Payment Hindi
FY 2025-26 के नए अपडेट्स एवं बदलाव
- Interest / Penal Interest दर की स्पष्टता
पहले Finance Bill, 2025 में एक भ्रम था कि ब्याज दर 3% प्रति माह हो जाएगी, लेकिन बाद में इसे साफ कर दिया गया कि दर अभी भी 1% प्रति माह ही है। - नया आयकर अधिनियम (Income-tax Act, 2025)
नया अधिनियम अधिसूचित हो चुका है, लेकिन यह 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। FY 2025-26 में अभी पुराने कानून (Income-tax Act, 1961) के तहत ही एडवांस टैक्स लागू होगा। - Income Tax स्लैब और नया टैक्स रेजीम सुधार
बजट 2025-26 में नए टैक्स स्लैब लागू किए गए हैं। नए रेजीम में ₹4 लाख तक कोई टैक्स नहीं, ₹4-8 लाख पर 5%, ₹8-12 लाख पर 10%, ₹12-16 लाख पर 15%, ₹16-20 लाख पर 20%, ₹20-24 लाख पर 25% और ₹24 लाख से ऊपर 30% टैक्स दर है। - छूटें और निराकरण
- वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष से ऊपर) जो व्यवसाय/पेशा नहीं करते और जिनकी आय केवल पेंशन या ब्याज से है, उन्हें एडवांस टैक्स से छूट है।
- Presumptive टैक्सेशन (44AD / 44ADA) वालों को पूरा टैक्स 15 मार्च 2026 को भरने की अनुमति है।
- ITR फाइलिंग डेडलाइन
FY 2025-26 के लिए ITR दाखिल करने की डेडलाइन 15 सितंबर 2025 तय की गई है।
फायदे (Advantages)
- पेनल्टी से बचाव – किस्त समय पर भरने से ब्याज नहीं लगेगा।
- कैश फ्लो प्रबंधन – साल के अंत में अचानक बड़ा बोझ नहीं पड़ता।
- स्पष्टता – नए नियमों से करदाता को ब्याज दर और प्रक्रिया साफ समझ आ रही है।
- Presumptive Taxation सुविधा – छोटे व्यापारियों को एक ही किस्त में टैक्स भरने का विकल्प।
नुकसान (Disadvantages)
- अनुमान की कठिनाई – सही अनुमान लगाना मुश्किल हो सकता है।
- कैश फ्लो पर दबाव – खासकर बिजनेस वालों को किस्तों का बोझ महसूस हो सकता है।
- अत्यधिक भुगतान पर रिफंड झंझट – ज्यादा भरने पर रिफंड का इंतज़ार करना पड़ता है।
- प्रक्रियात्मक जटिलता – कई स्रोतों से आय हो तो कैलकुलेशन कठिन हो जाती है।
ब्याज दर और पेनल्टी
- एडवांस टैक्स समय पर न भरने पर धारा 234C के तहत किस्तों पर 1% प्रति माह ब्याज लगेगा।
- पूरे साल में पर्याप्त टैक्स न भरने पर धारा 234B लागू होगी।
सही अनुमान के लिए सुझाव
- सभी आय स्रोत शामिल करें।
- कटौतियों (धारा 80C, 80D आदि) का ध्यान रखें।
- पहले से कटे TDS/TCS को घटाएँ।
- Old vs New Tax Regime का विश्लेषण करें।
- किस्त की तारीखें कैलेंडर में नोट करें।
निष्कर्ष
FY 2025-26 में एडवांस टैक्स के नियम करदाताओं के लिए ज्यादा सरल और स्पष्ट हुए हैं। टैक्स स्लैब में राहत, ब्याज दर पर स्पष्टता और डिजिटल भुगतान विकल्प करदाताओं को सहूलियत देते हैं। हालांकि, सही अनुमान लगाना और कैश फ्लो मैनेज करना अभी भी चुनौती है।
इसलिए हर करदाता को सलाह है कि अपने इनकम-एक्सपेंस का रिकॉर्ड रखें, समय पर किस्तें भरें और जरूरत पड़े तो टैक्स कंसल्टेंट से मार्गदर्शन लें। Advance Tax Payment Hindi